आधी आबादी को आधा भी नहीं मिला प्रतिनिधित्व
पिछले 70 सालों में जिले से सिर्फ नौ महिलाएं ही बनीं विधायक दो महिलाओं के सिर दो-दो बार बंधा जीत का सेहरा।
पूर्णेश वर्मा, लखीमपुर।
विधानसभा चुनाव आते ही एक बार फिर राजनीतिक गलियारों में महिलाओं को बराबरी का हक दिलाने, उनकी समस्याओं को प्राथमिकता पर हल कराने समेत सत्ता में उनकी भागीदारी की तमाम बातें होने लगी हैं। हर कोई आधी आबादी के पूरे मतों के जुगाड़ में लुभावने वादों की झड़ी लगा रहा है, पर हकीकत इसके बिल्कुल उलट है। सूबे के सबसे बड़े जिला खीरी में अब तक हुए विधानसभा चुनावों में सिर्फ सात बार ऐसा हुआ, जब महिलाओं को विधायक बनने का
मौका मिल पाया। इससे यह कहना गलत नहीं होगा कि आधी आबादी को आधा प्रतिनिधित्व भी नहीं मिल पाया।
आजादी के बाद से अब तक जिले में 1951, 1952, 1957, 1962, 1967, 1969, 1974, 1977, 1980, 1985, 1989, 1991, 1993, 1996, 2002, 2007, 2012 व 2017 में विधानसभा चुनाव हुए हैं। इन चुनावों में कुल 111 विधायक जिले की विभिन्न सीटों से अब तक चुने गए हैं। इसमें कई ऐसे चेहरे हैं, जो एक से अधिक बार विधायक बने। अगर महिलाओं के प्रतिनिधित्व की बात करें तो अब तक जिले की नौ महिलाएं ही विधानसभा चुनाव जीती हैं। इसमें दो महिलाएं दो-दो बार विधायक बनीं, जिससे महिलाओं के विधायक बनने का अवसर कुल 11 बार जिले में आया है। वर्ष 1951 से लेकर 2017 तक सिर्फ 1996 और 1989 में ऐसा अवसर आया, जब जिले की एक से अधिक सीट पर महिला विधायक चुनी गईं। 1996 में मोहम्मदी से कृष्णा राज और श्रीनगर से मायावती विधायक चुनी गई थीं। इसी प्रकार 1989 में हैदराबाद से सावित्री देवी, पैला से कमला देवी, श्रीनगर से उर्मिला देवी और धौरहरा से कनीज फातिमा विधायक बनीं थीं।
अब तक इन महिलाओं को मिला विधायक बनने का मौका
वर्ष :: नाम :: विधानसभा क्षेत्र
2017 :: मंजू त्यागी :: श्रीनगर
2007 :: कृष्णा राज :: मोहम्मदी
2002 :: मायावती :: श्रीनगर
1996 :: कृष्णा राज :: मोहम्मदी
1996 :: मायावती :: श्रीनगर
1993 :: शशिबाला :: पैला
1989 :: सावित्री देवी :: हैदराबाद
1989 :: कमला देवी :: पैला
1989 :: उर्मिला देवी :: श्रीनगर
1989 :: कनीज फातिमा :: धौरहरा
1985 :: कांति सिंह विसेन :: सदर