खतरे के निशान से 90 सेमी ऊपर बह रही शारदा नदी
बनबसा बैराज से दो दिन से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने से शारदा ने विकराल रूप धारण कर लिया है।
लखीमपुर : बनबसा बैराज से दो दिन से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने से शारदा ने विकराल रूप धारण कर लिया है। नदी के किनारे बसे कई गांवों के पास पानी पहुंच गया है। सैकड़ों एकड़ फसल भी डूब गई है, हालांकि अभी किसी गांव में पानी नहीं घुसा है, लेकिन गांवों के चारों तरफ पानी होने से लोग बाढ़ में घिर गए हैं। प्रशासन ने उन्हें सतर्क कर दिया है, लेकिन लोग अपना घर व जानवर छोड़कर कहीं और जाने को राजी नहीं हो रहे हैं।
पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश के बाद बनबसा बैराज से पानी का रिलीज लगातार बढ़ रहा है। शनिवार शाम 1.96 लाख क्यूसिक पानी रिलीज हो रहा था। रात करीब तीन बजे तक यह बढ़कर 2.46 लाख क्यूसिक हो गया था। रविवार सुबह इसमें कुछ गिरावट आई, लेकिन नदी का जलस्तर बढ़ता जा रहा है। शारदा इस समय खतरे के निशान से 90 सेमी ऊपर बह रही है। बैराज से पानी रिलीज होने के हिसाब से अभी इसके और बढ़ने के आसार हैं। सोमवार सुबह तक रिलीज पानी के गुजर जाने के बाद जलस्तर कम होने की संभावना है।
बीते 24 घंटे से लगातार वाटर डिस्चार्ज बढ़ने से नदी कई स्थानों पर विकराल रूप धारण कर चुकी है। पलिया क्षेत्र के आजाद नगर, बर्बाद नगर, खालेपुरवा, दुबहा व शाहपुर ढ़किया तथा अन्य कई गांवों के चारों तरफ पानी भर गया है और ग्रामीणों का निकलना तक मुश्किल हो गया है।
एसडीएम डॉ. अमरेश कुमार ने बताया कि शनिवार को आजाद नगर, बर्बाद नगर, मेलाघाट, कुंवरपुरकलां, खालेपुरवा, नयापुरवा, चौरी आदि गांवों का जायजा लिया था। उन्होंने बाढ़ की आशंका के चलते ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने का भी प्रयास किया गया लेकिन, ग्रामीण राजी नहीं हुए। उन्होंने बताया कि बनबसा बैराज से पानी का रिलीज बढ़ने के कारण क्षेत्र में बाढ़ आना संभावित है। ग्रामीणों को निचले इलाकों से निकालने का प्रयास शुरू किया गया था, लेकिन कोई तैयार नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि बाढ़ से निपटने के लिए रविवार को पीएसी की फ्लड यूनिट पलिया पहुंच जाएगी। एनडीआरएफ को भी सतर्क कर दिया गया है। चार बाढ़ केंद्र व 12 बाढ़ चौकियां कार्यशील हैं। कंट्रोल रूम भी तहसील परिसर में चल रहा है। अचानक कहीं जरुरत पड़ने पर मदद भेजने की व्यवस्था भी हर समय तैयार है। आश्रय स्थल भी ठीक करा दिया गया है जहां ग्रामीण रुक सकते हैं। उन्होंने बताया कि लेखपालों को क्षेत्र में भेजा गया है और उनसे हर समय संपर्क बना हुआ है और जहां कहीं भी बाढ़ की स्थिति गंभीर होगी वहां पर सहायता पहुंचाई जाएगी।