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लखीमपुर खीरी में ग्रामीणों ने मगरमच्छ को बंधक बनाया, छोड़ने के एवज में वन विभाग से 50 हजार की मांग

Villagers Trapped Crocodile लखीमपुर खीरी में तालाब से एक मगरमच्छ निकला। इसके बाद गांव के लोगों ने उसको बंधक बना लिया। छोड़ने के एवज में वन विभाग से 50 हजार की मांग की ।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sun, 13 Sep 2020 04:40 PM (IST)Updated: Sun, 13 Sep 2020 04:54 PM (IST)
लखीमपुर खीरी में ग्रामीणों ने मगरमच्छ को बंधक बनाया, छोड़ने के एवज में वन विभाग से 50 हजार की मांग
लखीमपुर खीरी में ग्रामीणों ने मगरमच्छ को बंधक बनाया, छोड़ने के एवज में वन विभाग से 50 हजार की मांग

लखीमपुर खीरी, जेएनएन। बढ़ती आबादी के साथ ही शहरों का दायरा बढऩे के कारण जंगल तथा आबादी से दूरे रहने वाले जानवरों की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। ऐसे में वह खाने की तलाश में आबादी की ओर रुख कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला लखीमपुर खीरी में सामने आया। जहां पर तालाब से एक मगरमच्छ निकला। इसके बाद गांव के लोगों ने उसको बंधक बना लिया। वन विभाग की टीम के आने के बाद ग्रामीणों ने मगरमच्छ को छोड़ने  के एवज में 50 हजार रुपया की डिमांड कर दी।

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उत्तर प्रदेश की तराई बेल्ट का जिला लखीमपुर बीते 15 दिन से बेहद चर्चा में है। लव-जेहाद के मामले में छात्रा की हत्या के बाद जनप्रतिनिधि निरवेंद्र मिश्रा उर्फ मुन्ना की धकका-मुककी में मौत के बाद अब यहां पर मगरमच्छ का मामला सुर्खियों में हैं। यहां तालाब से निकले बड़े मगरमच्छ को गांव के लोगों ने रस्सियों से बांध लिया। इसकी सूचना पर पहुंची वन विभाग तथा पुलिस की टीम से गांव के लोगों ने मगरमच्छ छोड़ने के एवज में 50 हजार रुपया की मांग रख दी।

लखीमपुर खीरी जिले में ईसानगर थाना क्षेत्र के मिदिनिया गांव में ग्रामीणों की मगरमच्छ के साथ बर्बरता करने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। यहां पर तालाब में मगरमच्छ के निकलने से ग्रामीणों में हड़कंप मच गया। गांव के तालाब में मगरमच्छ के निकलने की जानकारी ग्रामीणों ने वन विभाग और पुलिस को दी गई। इसके बाद भी समय पर वन विभाग और पुलिस के न पहुंचने से ग्रामीणों ने मगरमच्छ को करीब तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद रस्सियों से बांधकर काबू कर लिया।

मगरमच्छ को पकड़ने के बाद सूचना देने के बाद भी जब वन विभाग और पुलिस टीम के मौके पर न पहुंची तो नाराज ग्रामीणों मगरमच्छ को रस्सियों से बांधकर पहले तालाब में लटकाकर इधर- उधर से खींचा। उसके बाद नाराज ग्रामीणों ने रस्सी से बंधे मगरमच्छ को गांव की सड़कों पर घसीटकर घुमाया। इतना ही नहीं मौके पर पहुंचे वन विभाग के अधिकारियों के सामने ग्रामीणों ने टीम के सही समय पर ना पहुंचने से नाराज होकर 50 हजार की मांग रख डाली। घंटों बहस के बाद भी ग्रामीण नहीं माने फिर पुलिस ने ग्रामीणों को चेतावनी दी कि अगर उन्होंने मगरमच्छ को नहीं छोड़ा तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद गांव के लोगों ने मुआवजे की मांग को छोड़ा।

ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने जान जोखिम में डालकर यहां मगरमच्छ को पकड़ा है इसलिए उन्हेंं इसका खर्चा मिलना चाहिए। मौके पर पहुंची वन विभाग और पुलिस की टीम के काफी देर तक ग्रामीणों का मान-मनौव्वल करने के बाद वे मगरमच्छ को वन विभाग की टीम को सौंपने को तैयार हो गए। यहां मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने उस मगरमच्छ को कब्जे में लेकर घाघरा नदी में छोड़ दिया।

रिजर्व बफर एरिया के डेप्युटी डायरेक्टर अनिल पटेल ने बताया कि मिदानिया गांव से उन्हेंं फोन आया था गांव के तालाब में एक बड़े मगरमच्छ को देखा गया है। बच्चों और पालतू जानवरों की जान के लिए खतरा हो सकता है। इसके बाद वन विभाग ने एक टीम को मगरमच्छ का रेस्क्यू करने के लिए गांव में भेजा। यहां पर काफी अंधेरा हो जाने की वजह से टीम ने उस दिन काम नहीं शुरू किया। मगरमच्छ के रेस्क्यू की योजना सुबह तक टाल दी थी।


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