मक्खियों के आतंक से पलायन करने को मजबूर ग्रामीण
लखीमपुर कोरोना महामारी को भले ही सरकार ने गंभीरता पूर्वक ले लिया
लखीमपुर : कोरोना महामारी को भले ही सरकार ने गंभीरता पूर्वक ले लिया लेकिन, अब्बासपुर स्थित बरनाला पोल्ट्री फार्म के आसपास के दर्जनों की संख्या में गांवों का आलम यह है कि यहां मक्खियों ने तांडव करना शुरू कर दिया है। ग्रामीणों को बमुश्किल एक वक्त की रोटी खा पाना भी मुश्किल हो रहा है। जिसके लिए भी उसे मच्छरदानी का सहारा लेना पड़ता है।
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कई बार हुआ प्रदर्शन मक्खियों की समस्या से परेशान ग्रामीणों ने कई बार धरना प्रदर्शन, जल सत्याग्रह भी किया लेकिन, बजाय समस्या सुधरने के मक्खियों की समस्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती नजर आ रही है। मौके पर पहुंचे जिम्मेदार अधिकारियों के आश्वासन के बावजूद भी मक्खियों की संख्या में कमी नजर नहीं आ रही है। अब ग्रामीणों को यहां से पलायन करने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नजर नहीं आ रहा है। हम लोग कोई फंक्शन करना चाहते हैं तो कई बार सोचना पड़ता है। इन मक्खियों की वजह से मेहमान आते नहीं हैं, आ भी जाते हैं तो यह कह कर चले जाते हैं कि यहां पर मक्खियां बहुत हैं।
पृथ्वी सिंह, डंडौरा जबसे पोल्ट्री फार्म चालू हुआ है मक्खियों ने तो जीना दुश्वार कर दिया है। मक्खियां इतनी ज्यादा हैं कि अगर खाना भी खाना होता है तो मच्छरदानी का सहारा लेना पड़ता है।
दिलबाग सिंह, अब्बासपुर
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क्या कहते हैं जिम्मेदार
इस बाबत मुर्गी फार्म मालिक ने अपना पल्ला झाड़ते हुए बताया कि दवाई स्प्रे की जिम्मेदारी पशु चिकित्सक की है। उनकी ड्यूटी दवाई स्प्रे में लगाई गई है। बरसात का मौसम है मक्खियां पनपना लाजमी है। क्षेत्र में समस्या है जिसको लेकर इंटरनेट मीडिया आदि के माध्यम से जानकारी हुई है। बाकी पोल्ट्री फार्म मालिक द्वारा पशु चिकित्सक की ड्यूटी बोलकर जिम्मेदारी डाल दी जाती है। यह गलत है फिर भी स्थानीय चिकित्सक को अवगत करा दिया जाएगा।
अजीत सिंह, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी बरनाला पोल्ट्री फार्म के कारण क्षेत्र में मक्खियों का आतंक इतना ज्यादा है कि न खाना बनाने देती हैं और न खाने। इस संदर्भ में स्वास्थ्य विभाग, पशु विभाग, पोल्ट्री फार्म मालिक कोई सुनने को तैयार नहीं है। इसलिए भाकियू स्वराज एक नवंबर 2021 से पोल्ट्री फार्म के मेन गेट पर तालाबंदी करते हुए अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन करेगी।
अनूप सिंह सिसौदिया, नेता भाकियू स्वराज