बेवजह दफ्तर में भीड़ लगाने पर विकास भवन के नाजिर निलंबित
बेवजह सीडीओ के औचक निरीक्षण में शारीरिक दूरी का पालन न करने पर हुई कार्रवाई। कार्यालय अध्यक्षों को निर्देश कोरोना नियमों का पालन कराएं सभी अधिकारी।
लखीमपुर : दफ्तर में बेवजह भीड़ लगाना और कोरोना वायरस के तहत शारीरिक दूरी का पालन न करना विकास भवन के नाजिर अखिलेश कुमार को भारी पड़ गया। सीडीओ अरविद सिंह के औचक निरीक्षण में उनके दफ्तर में वह लोग भी मिले, जिनसे नाजिर का कोई सरोकार नहीं था। सीडीओ के निर्देश पर प्रभारी जिला विकास अधिकारी रामकृपाल चौधरी ने नाजिर को निलंबित कर दिया है। पूरे मामले की जांच के लिए पसगवां के बीडीओ को जिम्मेदारी सौंपी गई है। साथ ही निलंबित किए गए नाजिर को पलिया ब्लॉक से संबद्ध किया गया है।
गुरुवार दोपहर 11.45 पर डीएम दफ्तर से विकास भवन पहुंचने के बाद सीडीओ अरविद सिंह ने नाजिर के दफ्तर का औचक निरीक्षण किया। जहां एक महिला अपने पुत्र के साथ मौजूद थी। वहीं स्टेशनरी विक्रेता भी अपने बिल के भुगतान के लिए दफ्तर में ही खड़ा था। सीडीओ ने सवाल उठाया कि जब बैंक के लोन के संबंध में उद्योग केंद्र कार्रवाई करता है तो उनके पटल पर महिला क्यों मौजूद थी। वहीं एनआरएलएम का चार्ज अखिलेश कुमार से हटाया जा चुका है तो स्टेशनरी विक्रेता उनके दफ्तर में क्या कर रहा था। सीडीओ ने कहा कि मौजूदा समय में कोरोना तेजी से विस्तार ले रहा है। ऐसे में निर्देश दिया गया है कि विकास भवन में सरकारी योजनाओं से संबंधित कर्मचारी या फिर अपनी जरूरतों व शिकायत करने के लिए पहुंची आम जनता ही आए। कार्यालयध्यक्षों को निर्देश दिया गया था कि वह भी कोविड-19 से बचाव के लिए बनाए गए नियमों का पालन कराएं। सीडीओ ने निर्देश दिया कि जिला विकास अधिकारी व विकास भवन के नाजिर की पहली जिम्मेदारी है कि वे नियमों का पालन कराएं। जिसका योजनाओं से सरोकार ना हो उनसे बेवजह भीड़ न लगाएं। नियमों का पालन न करने पर नाजिर को निलंबित किया गया है।