जरूरतमंदों को मुफ्त न्याय दिलाना ही उमेश का बना मकसद
वरिष्ठ अधिवक्ता उमेश प्रताप सिंह गरीबों को उनके अभिव्यक्ति के अधिकार की जानकारी देते हैं। उनके मुकदमों की मुफ्त पैरवी कर न्याय दिलाते हैं।
लखीमपुर : संविधान में देश के हर नागरिक के लिए अभिव्यक्ति का अधिकार एक महत्वपूर्ण अधिकार है। नागरिकों को किसी भी मामले में अपने मन की अभिव्यक्ति को प्रस्तुत करने का अधिकार हमारे संविधान ने दिया है। अधिकारों के बारे में जानकारी न होने का एक बड़ा कारण जागरूकता की कमी है। अधिवक्ता संघ के पूर्व अध्यक्ष व दीवानी के वरिष्ठ अधिवक्ता उमेश प्रताप सिंह गरीबों को उनके अभिव्यक्ति के अधिकार की जानकारी देते हैं। साथ ही उनके मुकदमों की मुफ्त पैरवी करके उन्हें न्याय भी दिलाते हैं। पिछले चार दशकों से वे बड़ी संख्या में गरीबों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक कर चुके हैं।
गरीबों के मुकदमों की बिना फीस के पैरवी कर उनको न्याय दिलाना उनकी मुहिम बन चुका है। साथ ही समय-समय पर शहर की समस्याओं को लेकर एक दर्जन से अधिक जनहित याचिकाएं भी दाखिल कर चुके हैं। 1981 में वकालत के पेशे में आने के बाद जब वकालत शुरू की तो देखा कि देश में संविधान को लागू हुए 30 वर्ष हो चुके है, लेकिन आज भी गरीबी और धनाभाव चलते लोग अपने अधिकार पाने से वंचित रह जाते हैं। सबसे बड़ी विडंबना यह देखने को मिली कि लोगों को अपने अधिकारों के बारे में जानकारी ही नहीं है। उसी दिन से गरीबों को मुफ्त मशविरा, गरीबों के अधिकारों के लिए संघर्ष, गरीबों के मुकदमों की मुफ्त पैरवी का बीड़ा उठाया। पिछले लगभग 40 वर्षों के दौरान हजारों गरीबों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने का काम कर चुके हैं। समय-समय पर होने वाले विधिक जागरूकता शिविर में लोगों को कानूनी जानकारी दे रहे हैं। चैंबर हो या कोर्ट कैंपस हर जगह जरूरतमंदों को कानून की सलाह देते हैं। उमेश प्रताप सिंह चौहान का मानना है कि जनहित के कामों और लोगों को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करने, गरीबों के मुकदमों की मुफ्त पैरवी ही उनके लिए सबसे बड़ी दौलत और शोहरत है। वकालत पेशे में रहते हुए वे खीरीटाउन, निघासन, बेहजम आदि कई स्थानों पर विधिक जागरूकता शिविरों में लोगों को कानूनी जानकारी देकर अधिकारों के प्रति जागरूक कर रहे हैं। केस 1
कोर्ट परिसर व शहर में बंदरों के बढ़ते आतंक व परेशानियों से निजात दिलाने के लिए जनहित याचिका दाखिल की। इसमे वन विभाग व नगर पालिका को नोटिस जारी की जा चुकी है। जल्द ही लोगों को इस समस्या से निजात मिलने की उम्मीद जताई। केस 2
शहर में कचहरी रोड, अस्पताल रोड पर लगने वाले जाम की समस्या को लेकर जनहित याचिका दाखिल की है। केस 3
कस्बा खीरी के मुहल्ला सैय्यदवाड़ा निवासी बुजुर्ग को पहले उनके अधिकारों के बारे में कानूनी जानकारी दी। बाद में मुफ्त मुकदमे की पैरवी कर उनको न्याय दिलाया।