नेपाल के चितवन राष्ट्रीय निकुंज में दो गैंडों की मौत
नेपाल के चितवन राष्ट्रीय निकुंज में रविवार को दो गैंडे मृत
लखीमपुर : नेपाल के चितवन राष्ट्रीय निकुंज में रविवार को दो गैंडे मृत अवस्था में पाए गए हैं। इसमें एक दो माह का शावक है, उसका शव राप्ती नदी के किनारे मिला है। इसके बाघ के हमले में मारे जाने की आशंका जताई गई है। दूसरा गैंडा अमलटारी सेक्टर अंतर्गत रतनपुर घाट के पास मिला है। मृत नर गैंडे की उम्र लगभग 30 साल है। उसकी सींग सुरक्षित पाई गई है। निकुंज के सूचना अधिकारी लोकेंद्र अधिकारी ने बताया कि गैंडे के सींग व नाखून सुरक्षित मिले हैं। बच्चे की मौत बाघ के हमले व नर गैंडे की मौत नदी किनारे बालू में दबने से होने का अनुमान है। दोनों की मौत प्राकृतिक कारण से हुई है। गत वर्ष निकुंज में प्राकृतिक कारणों व शिकार से 32 गैंडों की मौत हुई थी जिससे निकुंज में हड़कंप मच गया था। सरकारी आंकड़ों में 26 गैंडों की मौत प्राकृतिक कारणों से व छह की मौत शिकार होने से बताई गई है।
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हाथियों के संभावित आगमन के मद्देनजर जारी किया अलर्ट लखीमपुर : हाथियों के संभावित आगमन के मद्देनजर वन विभाग ने जंगल के निकटवर्ती गांवों में अलर्ट जारी करते हुए जागरूकता अभियान चलाया। महकमे के कर्मचारियों ने ग्रामीणों को सचेत करते हुए बताया कि नेपाल से सटे दुधवा इलाके के जंगलों से निकले हाथियों के झुंड इन दिनों बांकेगंज मैलानी में विचरण कर रहे हैं। हाथियों की मौजूदगी से किसानों की गन्ना धान की फसलों के नुकसान की संभावना बनी हुई है।
करीब दो साल पहले उक्त इलाके से आए एक दर्जन हाथियों ने महेशपुर रेंज की शहजनिया बीट जंगल के मुकुंदापुर इलाके में दो दिन प्रवास कर क्षेत्र में तांडव मचाया था जिसमें कई किसानों की धान गन्ना की फसलों को रौंद डाला था जिससे किसानों को लाखों का नुकसान हुआ। तब वन विभाग ने धुंआ फैलाकर हाथियों के रुख को मोड़कर निजात पाई थी। एहतियातन वनकर्मी जगदीश वर्मा, मिठाई लाल, अजीत सिंह, एसटीपीएफ ने जंगल से सटे गांव मुकुंदापुर, अयोध्यापुर, गंगापुर, गुर्जरपुर, सुंदरपुर, इटौवा के ग्रामीणों से हाथियों से सचेत रहने व खेतों पर बने मचानों पर न रुकने व हाथियों के झुंड के आने पर धुंआ आदि करने की सलाह दी है।