परिवहन सेवाओं के अभाव से जूझ रहा पसगवां
वर्षों से परिवहन सेवाओं के अभाव का दंश झेल रहे इस क्षेत्र में प्रत्याशियों को यह मुद्दा स्पर्श करेगा कि नहीं यह तो वक्त बताएगा।
लखीमपुर : वर्षों से परिवहन सेवाओं के अभाव का दंश झेल रहे इस क्षेत्र में प्रत्याशियों को यह मुद्दा स्पर्श करेगा कि नहीं यह तो वक्त बताएगा, लेकिन यह मुद्दा है बहुत बड़ा। परिवहन आधुनिक जीवनशैली और औद्योगिक व व्यापारिक विकास का आधार होता है, लेकिन अब तक इसे अनदेखा ही किया जाता रहा है।
जिले की पश्चिमी दक्षिणी सीमा पर स्थित इस परिक्षेत्र से जिला मुख्यालय की कोई सीधी सेवा नहीं है। शाहजहांपुर से मात्र 16 किमी दूर नेशनल हाईवे पर बसे उचौलिया से जिला मुख्यालय की सीधी सेवा शुरू भी हुई और बढि़या चली, लेकिन अब यह बंद है। इसकी वापसी नहीं होती थी। पसगवां के अरविद शुक्ला बताते हैं कि विधायक लोकेंद्र प्रताप सिंह ने कहा था कि शाम को मुख्यालय से सीधी सेवा शुरू कराएंगे, लेकिन शुरू नहीं हो सकी।
एक नियमित सेवा लखनऊ के लिए मोहम्मदी से वाया जेबीगंज बहुत पहले से चल रही है, लेकिन अब यह इस रास्ते से वापस नहीं आ रही है। कुछ समय पहले मोहम्मदी से वाया जेबीगंज, शाहाबाद होते हुए फर्रूखाबाद के लिए भी एक बस चलाई गई थी, लेकिन वह भी काफी समय पहले से बंद है। जेबीगंज से पिहानी होकर हरदोई के लिए भी एक सेवा चली थी, यह भी बंद है। मोहम्मदी शाहजहांपुर रोड पर स्थित मोहम्मदपुर ताजपुर से उचौलिया, पसगवां और जेबीगंज के लिए परिवहन का कोई साधन नहीं है, जबकि साधन होने पर किरियारा, इब्राहिमपुर, कसरावल, कल्लुआ, बचिगावां, बनका गांव और उचौलिया लाभान्वित हो सकते हैं। पसगवां और बरबर के मध्य भी आवागमन का कोई साधन नहीं है।
जंगबहादुरगंज लखनऊ दिल्ली नेशनल हाईवे पर है। 24 घंटे बसें हैं, लेकिन स्टापेज की गहरी समस्या है। कई बार तो स्टापेज होने के बाद भी कंडक्टर सवारियां नहीं बिठाते हैं। बाईपास बन जाने के कारण अधिकतर बसें ही अंदर नहीं आती और कुछ दो किमी पहले ही उतार देते हैं। ड्राइवर और कंडक्टर का तानाशाही रवैया रहता है। हरियाणा और उत्तराखंड की बसें अंदर भी आती हैं और स्टापेज भी हैं। कुल मिलाकर परिवहन सेवाओं की बड़ी समस्या से यह परिक्षेत्र जूझ रहा है।