पांच साल बाद खुला पंचायत उद्योग का ताला, महिलाओं को मिलेगा रोजगार
लखीमपुर खीरी जिले में दशकों पहले बनाए गए पंचायत उद्योग में पिछले करीब पांच साल से पड़ा ताला
लखीमपुर: खीरी जिले में दशकों पहले बनाए गए पंचायत उद्योग में पिछले करीब पांच साल से पड़ा ताला अब खुल गया है। यहां स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को रोजगार देने की कवायद शुरू हो गई है।
अधिकारियों के मुताबिक यहां महिलाएं कम लागत में सेनेटरी पैड बनाएंगी, जिसे जिले में ही खपाया जाएगा। पंचायत उद्योग का भवन गोला रोड स्थित उदयपुर महेवा ग्राम पंचायत में करीब दस लाख रुपये की लागत से बनाया गया है। यहां वर्कशेड भी बनवाए गए, लेकिन अधिकारियों की अनदेखी का शिकार हो गया है। खास बात यह है कि इस पंचायत उद्योग केंद्र में मथुरा से लाई गई सेनेटरी पैड मशीन भी रखी है। तीन मशीनें करीब नौ लाख रुपये की कीमत की हैं। इस मशीन से एक मिनट में 60 सेनेटरी पैड बन सकते हैं। सीडीओ अनिल सिंह को इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने तुरंत इसको चलाने का निर्देश दिया। डीपीआरओ सौम्यशील सिंह ने निरीक्षण किया। टूटी बाउंड्री का निर्माण कराने के साथ यहां जल्द काम शुरू होगा। यह प्रदेश का पहला पंचायत उद्योग होगा जो फिर से शुरू होने जा रहा है। पंचायत उद्योग केंद्र की स्थापना ग्राम पंचायतों की आय के साधन बढ़ाने के लिए किया गया था। सोमवार को डीपीआरओ सौम्यशील सिंह ने केंद्र व्यवस्थापक ओपी सिंह के साथ इसका निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि यहां सेनेटरी पैड बनाने के लिए करीब तीन लाख रुपये का कच्चा माल भी रखा है। उन्होंने बताया कि इस केंद्र के कार्य से होने वाले हानि-लाभ आदि के बिल बाउचर भेजे गए थे। इसका आडिट भी हुआ, लेकिन काम शुरू नहीं हुआ। अब उन्होंने निदेशालय से बात की है। जहां से इसे शुरू करने के लिए अनुमति मिल गई है।