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टेरर फंडिग से जुड़े पांच आरोपितों की जमानत अर्जी खारिज

मेत अब तक लगभग 11 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुके हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 20 Dec 2019 10:23 PM (IST)Updated: Sat, 21 Dec 2019 06:05 AM (IST)
टेरर फंडिग से जुड़े पांच आरोपितों की जमानत अर्जी खारिज

लखीमपुर: टेरर फंडिग से जुड़े पांच आरोपितों की जमानत अर्जी शुक्रवार को एडीजे कुलदीप सक्सेना ने खारिज कर दी। 11 अक्टूबर को थाना निघासन प्रभारी दीपक शुक्ला ने मय फोर्स के साथ पलिया बस स्टैंड चौराहा के पास से उम्मेद निवासी तिकोनिया व समीर सलमानी निवासी बरेली समेत चार लोगों को संदिग्ध अवस्था में गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने पूछताछ में मामला टेरर फंडिग का पाया जिसके बाद मामले को विदेशों से तार जुड़े होने के कारण पूरे मामले को एटीएस के सुपुर्द कर दिया गया। एटीएस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए आरोपितों को पुलिस कस्टडी रिमांड में लेने की गुहार न्यायालय से लगाई और आरोपितों को सात सात दिनों की न्यायिक हिरासत में लेकर जब पूछताछ का सिलसिला शुरू हुआ तो टेरर फंडिग के मामले के तार नाइजीरिया तक जुड़े हुए पाए गए। जिसके बाद एटीएस और तेजी से हरकत में आई और दो नाइजीरियन समेत अब तक लगभग 11 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुके हैं। टेरर फंडिग से जुड़े आरोपित संजय अग्रवाल, सिराजुद्दीन, मुमताज, सदाकत व फहीम की जमानत अर्जी जिला जज की अदालत में पेश की गई थी। शुक्रवार को पांचों आरोपितों की जमानत अर्जी की सुनवाई इंचार्ज जिला जज व एडीजे कुलदीप सक्सेना की अदालत में हुई। सुनवाई के समय एटीएस के सीओ व मुकदमे के विवेचक शैलेंद्र सिंह राठौर ने अभियोजन पक्ष के तथ्यों को कोर्ट के सामने रखा। जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी अरविद त्रिपाठी ने जमानत अर्जी का विरोध किया। सुनवाई के बाद एडीजे कुलदीप सक्सेना ने पांचों आरोपितों संजय अग्रवाल, सिराजुद्दीन, मुमताज, सदाकत व फहीम की जमानत अर्जी खारिज कर दी।

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