Move to Jagran APP

एक एकाउंट में एक ही बार पैसा ट्रांसफर कराते थे टेरर फंडिग के शातिर

जिम्मेदार की सुनिए टेरर फंडिग में पकड़े गए चारों आरोपितों से हुई पूछताछ की कई बातें व तथ्य अभी जांचे जाने बाकी हैं। सोमवार तक इनकी और जानकारी एकत्र हो सकेगी।

By JagranEdited By: Published: Sat, 12 Oct 2019 10:37 PM (IST)Updated: Sun, 13 Oct 2019 06:04 AM (IST)
एक एकाउंट में एक ही बार पैसा ट्रांसफर कराते थे टेरर फंडिग के शातिर
एक एकाउंट में एक ही बार पैसा ट्रांसफर कराते थे टेरर फंडिग के शातिर

लखीमपुर: भारत नेपाल सीमा पर पकड़े गए टेरर फंडिग के चारों आरोपित अपने काम को बखूबी अंजाम दिया करते थे। इस बात से बिल्कुल गाफिल कि कभी कानून के लंबे हाथ उनकी गर्दन भी दबोच सकते हैं। एक दिन पहले पुलिस के हत्थे चढ़े शातिरों से हुई पूछताछ में पुलिस को पता चला कि नेपाल के जिन बैंक खातों में आतंकियों को पहुंचाई जाने वाली रकम ट्रांसफर की जाती थी उस खाते का इस्तेमाल केवल एक ही ट्रांजेक्शन के लिए किया जाता था। इतना ही नहीं इस बात का भी ख्याल रखा जाता था कि जिस खाते में यह रकम पहुंचाई जानी है वह अल्पसंख्यक बिरादरी का न हो। ऐसे कई राज पुलिसिया पूछताछ में रकम पहुंचाने वाले उन चारों अपराधियों से बाहर आए हैं। पुलिस ने बेहद चालाकी से इन चारों पर अपनी निगहबानी शुरू की और इनके बीच जो बाते हुईं उसे सुनकर पुलिस भी सन्न रह गई। पुलिस की मानें तो नेपाल में पिछले दस साल से रह रहा मुमताज ने वहीं पर अपने दो साथी और बुला लिए। फहीम और सदाकत नाम के ये आरोपित केवल उस खाताधारक की तलाश किया करते थे जिनमें विदेशों से नेपाली बैंक खातों में रकम मंगाई जा सके। इसके लिए भी एहतियातों की भी लंबी फेहरिस्त रखी जाती थी। जैसे एक खाते में एक बार ही ट्रांजैक्शन, गैर मुस्लिम ही एकाउंट होल्डर और जितनी जल्दी हो सके उस रकम का विड्रॉल। इससे पहले कोई क्वैरी हो वह रकम अपने महफूज ठिकाने यानि नेपाल के तमाम खुफिया रास्तों में से एक किसी रास्ते से होती हुई ये रकम तिकुनिया तक आए और यहां से उसे भारतीय मुद्रा बनाकर दिल्ली में दहशतगर्दी के गुनहगारों तक पहुंचाया सके। पता ये भी चला है कि नेपाल में मुमताज के साथी फहीम और सदाकत फर्नीचर बनाने व नाईगिरी का काम भी करते थे। ताकि उनके मंसूबों पर कोई शक न कर सके और और लोगों के बीच में आसानी से रह सकें। जिम्मेदार की सुनिए

loksabha election banner

टेरर फंडिग में पकड़े गए चारों आरोपितों से हुई पूछताछ की कई बातें व तथ्य अभी जांचे जाने बाकी हैं। सोमवार तक इनकी और जानकारी एकत्र हो सकेगी। तभी सही-सही ये पता चल सकेगा कि इन्होंने अब तक भारत-नेपाल के पोरस बार्डर से कितनी रकम दिल्ली में संदिग्ध लोगों तक पहुंचाई है।

पूनम, एसपी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.