बिना अनुमति लगाई आंबेडकर मूर्ति पर प्रशासन एवं ग्रामीण आमने-सामने
स बल मौके पर पहुंच गया, लेकिन आंबेडकर की मूर्ति को लेकर ग्रामीण एवं प्रशासन आमने-सामने आ गया। एसडीएम ने कहा कि बिना अनुमति के मूर्ति स्थापित नहीं की जा सकती है। अनुमति ले आओ और मूर्ति स्थापित करा दी जाएगी। वहीं पर ग्रामीण मूर्ति न हटाने का विरोध करते रहे थे। आंबेडकर की मूर्ति को लेकर रानीनगर गांव के अलावा आसपास के गांव के भीम सेना के लोग भी एक साथ एकत्र हो गए। मूर्ति के पास गांव की महिला पुरुषों ने जय भीम के नारे लगाने शुरू कर दिए और किसी भी तरह से मूर्ति को हटाने को तैयार नहीं थे। काफी देर तक एसडीएम एवं पुलिस क्षेत्राधिकारी द्वारा समझाने के बावजूद मूर्ति को परमिशन आने तक ढककर रखने पर ग्रामीण सहमत हुए और मूर्ति को त्रिपाल से ढक दिया गया।उधर एसडीएम एस सुधाकरण ने कहा कि बिना अनुमति के मूर्ति स्थापित नहीं की जा सकती है। इसके लिए ग्रामीणों को शासन से अनुमति लेनी पड़ेगी।
लखीमपुर : बिना अनुमति के लगाई आंबेडकर मूर्ति को लेकर प्रशासन एवं ग्रामीण आमने-सामने आ गए। प्रशासन के बा मुश्किल समझाने के बाद मूर्ति को ढका गया। तब जाकर मामला शांत हो सका। मामला संपूर्णानगर थाना क्षेत्र के अंतर्गत रानीनगर का है। गांव के निकट पंचायत भवन पर रातों रात गांव के लोगों द्वारा 10 फीट ऊंची आंबेडकर की मूर्ति स्थापित कर दी गई। हालांकि इस मूर्ति को लगाने की कोई अनुमति नहीं ली गई थी। इसकी सूचना पुलिस को मिली तो मौके पर थाना प्रभारी आदर्श कुमार ¨सह पहुंचे और बिना अनुमति के आंबेडकर की मूर्ति स्थापित किए जाने के बारे में उच्चाधिकारियों को अवगत कराया।सूचना पर एसडीएम एस सुधाकरण एवं पुलिस क्षेत्राधिकारी प्रदीप कुमार सहित पुलिस बल मौके पर पहुंच गया, लेकिन आंबेडकर की मूर्ति को लेकर ग्रामीण एवं प्रशासन आमने-सामने आ गया। एसडीएम ने कहा कि बिना अनुमति के मूर्ति स्थापित नहीं की जा सकती है। अनुमति ले आओ और मूर्ति स्थापित करा दी जाएगी। वहीं पर ग्रामीण मूर्ति न हटाने का विरोध करते रहे थे। आंबेडकर की मूर्ति को लेकर रानीनगर गांव के अलावा आसपास के गांव के भीम सेना के लोग भी एक साथ एकत्र हो गए। मूर्ति के पास गांव की महिला पुरुषों ने जय भीम के नारे लगाने शुरू कर दिए और किसी भी तरह से मूर्ति को हटाने को तैयार नहीं थे। काफी देर तक एसडीएम एवं पुलिस क्षेत्राधिकारी द्वारा समझाने के बावजूद मूर्ति को परमिशन आने तक ढककर रखने पर ग्रामीण सहमत हुए और मूर्ति को त्रिपाल से ढक दिया गया। उधर एसडीएम एस सुधाकरण ने कहा कि बिना अनुमति के मूर्ति स्थापित नहीं की जा सकती है। इसके लिए ग्रामीणों को शासन से अनुमति लेनी पड़ेगी।