जिले की बेटियों के लिए प्रेरणा बनीं आबिदा
लगातार मिल रही सफलता से गदगद आबिदा को खीरी के डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह ने भी सम्मानित किया और इस साल के अंत तक आबिदा को वो खुशी भी मयस्सर हुई जिसके बारे में उसने कभी सोंचा तक नहीं था।
लखीमपुर: पांच साल की कड़ी मेहनत और लगन से शहर के प्यारेपुर में रहने वाली आबिदा फिरदौस अब उन बेटियों के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं जो अपने अंदर की प्रतिभा को परवान नहीं चढ़ा पातीं। आबिदा ने पांच साल पहले ताइक्वांडो को सीखा तो अपनी और अपनी जैसी कई बेटियों को सुरक्षित रखने के लिए था लेकिन उस खेल में लगातार मिल रहीं ऊंचाइयों के बाद अब यही खेल उसके जीवन का लक्ष्य बन गया। आबिदा ने पहले आगरा में ब्लैक बेल्ट हासिल किया और राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर कई प्रतियोगिताएं जीतने के बाद अब वह राष्ट्रीय प्रशिक्षक भी बन गई। आबिदा महाराष्ट्र के औरंगाबाद में भारतीय खेल प्राधिकरण के तत्वावधान में प्रशिक्षण ले रहीं हैं।
बचपन से ही खेल की शौकीन आबिदा जैसे-जैसे बड़ी हुई तो पारिवारिक समस्याओं ने घेर लिया लेकिन उसने पढ़ाई जारी रखी। वर्ष 2014 में कॉलेज में ही एक कैंप के दौरान उसने ताइक्वांडो में हिस्सा लिया और जिला स्तरीय प्रतियोगिता में पहला स्वर्ण पदक हासिल किया। इसके बाद तीन साल तक लगातार आबिदा गोल्ड मेडल ही झटकती रहीं। साल 2016 में पहली बार आबिदा ने बलरामपुर में हुई राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में हिस्सा लिया और यहीं से उनका सफर तेजी से आगे बढ़ गया। साल 2017 में आबिदा ने बरेली में दूसरी राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में हिस्सा लिया और कांस्य पदक जीता इसके बाद आगे ही बढ़ती गई। आबिदा ने साल 2017 में ही पंजाब में आयोजित राष्ट्रीय ताइक्वांडो प्रतियोगिता में हिस्सा लिया और यहां भी फतह हासिल की। आबिदा इसी साल के आखिर में भूटान में आयोजित अंतर राष्ट्रीय ताइक्वांडो प्रतियोगिता में हिस्सा लिया और कामयाबी हासिल करते हुए कांस्य पदक जीता। अगले साल एक बार फिर आगरा में आयोजित स्टेट प्रतियोगिता में आबिदा ने कामयाबी हासिल की। लगातार मिल रही सफलता से गदगद आबिदा को खीरी के डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह ने भी सम्मानित किया और इस साल के अंत तक आबिदा को वो खुशी भी मयस्सर हुई जिसके बारे में उसने कभी सोचा तक नहीं था। आबिदा का नाम देश के उन 44 प्रतिभावान खिलाड़ियों में शुमार हुआ जिसे भारतीय खेल प्राधिकरण ने राष्ट्रीय प्रशिक्षक बनाने का अवसर दिया था। आबिदा पूरे यूपी में इकलौती खिलाड़ी थी जिसका नाम चुना गया हुआ हो। अपनी इस सफलता से उत्साहित आबिदा कहती हैं उनके इस सफर में उनके माता-पिता के अलावा उनके कोच आसिफ का खासा योगदान रहा।