1167 ग्राम पंचायतों में थमा विकास का पहिया, अपलोड नहीं ब्योरा
संवादसूत्र लखीमपुर जिले की कुल 1167 ग्राम पंचायतों में विकास का पहिया थम गया है ग्राम निधि खाते के संचालन पर रोक से प्रधान जी कुछ कर नहीं पा रहे हैं।
लखीमपुर: जिले की कुल 1167 ग्राम पंचायतों में विकास का पहिया थम गया है, ग्राम निधि खाते के संचालन पर रोक से प्रधान जी कुछ कर नहीं पा रहे हैं। कारण यह कि प्रधान जी वर्ष 2018-19 तथा इस वर्ष अगस्त के अब तक दिनों के आय-व्यय का ब्योरा प्रिया साफ्ट पर अपलोड नहीं करा रहे हैं। नए प्रावधान के मुताबिक जब तक प्रधान जी प्रिया साफ्ट पर ब्योरा अपलोडिग कर डिजिटल सिग्नेचर की प्रक्रिया नहीं अपनाते तब तक ग्राम निधि के खाते पर रोक जारी रहेगी।
प्रिया साफ्ट पर ग्राम पंचायत का आय-व्यय का ब्योरा देने में हर वर्ष ग्राम प्रधान लापरवाही करते हैं। इस वर्ष पंचायतीराज विभाग ने शिकंजा कसते हुए सभी ग्राम पंचायतों के खातों के संचालन पर रोक लगा दी। एडीपीआरओ जितेंद्र कुमार गौड़ ने बताया कि 50 से 60 ग्राम पंचायतों की ओर से प्रिया साफ्ट पर आय-व्यय का ब्योरा दिया गया है, वहां डिजिटल सिग्नेचर की प्रक्रिया भी चल रही है लेकिन, 90 प्रतिशत से अधिक ग्राम पंचायतों की ओर से अभी भी लापरवाही बरती है। जबकि प्रधानों को डिजिटल सिग्नेचर के संबंध में जिला व ब्लॉक स्तर नियमित प्रशिक्षण दिया जा रहा है। एडीपीआरओ ने चेतावनी दी कि जिन ग्राम पंचायतों की ओर से प्रिया साफ्ट पर आय-व्यय का ब्योरा फीड करने में कोताही बरती जाएगी, उनके ग्राम निधि के खाते के संचालन पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि ग्राम पंचायतों की ग्राम निधि पर पिछले करीब एक महीने से रोक लगी है।
क्या है आय-व्यय का ब्योरा
ग्राम पंचायतों में तालाबों, मछलियों आदि संसाधनों की नीलामी से आय होती है, जबकि खडं़जा, नाली निर्माण, पेयजल, स्वास्थ्य सहित अन्य सुविधाओं में जो धनराशि व्यय होती है, उसका ब्योरा पंचायतीराज विभाग को प्रिया साफ्ट पर देना है।