समूह में रहें, तेज आवाज में ताली बजाकर गाना गाएं, भाग जाएगा बाघ
महेशपुर रेंज में बाघ से बचाव में यह तरीका भी शामिल। जिन 43 गांवों को संवेदनशील माना गया है उनमें वनकर्मियों को गांव-गांव जाकर अन्य सावधानियों के साथ इस टिप्स के बारे में भी बताना है।
लखीमपुर : खेतों में काम करते समय अगर आपके सामने बाघ आ जाए तो उसे भगाने का बहुत बेहतर और आसान तरीका है। तेज आवाज में ताली बजाने और गाना गाने से बाघ भाग जाएगा। महेशपुर रेंज में जन जागरूकता अभियान के दौरान वन विभाग ने यह टिप्स दिया है। जिन 43 गांवों को संवेदनशील माना गया है, उनमें वनकर्मियों को गांव-गांव जाकर अन्य सावधानियों के साथ इस टिप्स के बारे में भी बताना है। प्रयास यह किया जा रहा है कि महेशपुर रेंज में ग्रामीणों को मानव-बाघ सहजीवन के प्रति जागरूक कर हमले की घटनाओं को रोका जाए।
महेशपुर रेंज में जंगल से सटे खेतों में गन्ने की पौध बड़ी होने के साथ ही अधिकारियों की दिक्कतें बढ़ने लगी हैं। मैलानी के छेदीपुर में हाल में ही बाघ ने जंगल से निकलकर पिता-पुत्र सहित तीन लोगों को बुरी तरह जख्मी कर दिया था, वहीं महेशपुर रेंज में बाघ ने एक मवेशी को निवाला बना लिया था। पिछले वर्ष यहां पर 18 बाघों की मौजूदगी की पुष्टि कैमरों से हुई थी।
बारिश में जंगल में जलभराव होने पर बाघ सहित अन्य जंगली जीव गन्ने के खेतों की तरफ चले आते हैं। चूंकि महेशपुर रेंज के गन्ने के खेत पिछले पांच वर्षों से बाघों का आसरा बने हुए हैं। यहां अक्सर खेतों में काम करते समय ही बाघ गन्ने से निकलकर हमला करता है। इसलिए अधिकारी चाहते हैं कि ग्रामीण जब भी घर से खेतों की ओर निकले तो समूह में रहें और अंधेरा होने से पहले ही वापस घर लौट आएं। काम करने के दौरान वह ताली बजाते रहें और गाना भी गाते रहें, ताकि शोर सुनकर बाघ नजदीक नहीं आएगा। डीएफओ समीर कुमार का कहना है कि कई ऐसे तरीके हैं जिससे पार्क के हमले से बचा जा सकता है ताली बजाकर गाना गाना उनमें से सबसे बेहतर उपाय है। जागरूकता अभियान के दौरान वन कर्मी इस बिदु पर भी फोकस कर रहे हैं।