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वनाधिकार के दावों के निस्तारण को थारुओं ने खोला मोर्चा

वनाधिकार कानून के तहत उपखंडस्तरीय वनाधिकार समिति में लंबित दावों का निस्तारण ने होने पर खोला मोर्चा।

By JagranEdited By: Published: Wed, 28 Oct 2020 11:26 PM (IST)Updated: Wed, 28 Oct 2020 11:26 PM (IST)
वनाधिकार के दावों के निस्तारण को थारुओं ने खोला मोर्चा
वनाधिकार के दावों के निस्तारण को थारुओं ने खोला मोर्चा

लखीमपुर: वनाधिकार कानून के तहत उपखंडस्तरीय वनाधिकार समिति में लंबित दावों का निस्तारण न होने पर आदिवासी जनजाति के थारू समुदाय के लोगों ने प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। थारु महिलाओं ने पुरुषों के तहसील पहुंचकर धरना दिया और दावों के शीघ्र निस्तारण के लिए तहसीलदार आशीष कुमार सिंह को ज्ञापन सौंपा। तहसीलदार को सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि लगभग आठ साल से उपखंडस्तरीय वनाधिकार समिति में थारुओं के दावे लंबित हैं जिनपर न तो कोई कार्रवाई की जा रही है और न ही उनका निस्तारण किया जा रहा है। जिससे थारू समुदाय को उनके वन संबंधी अधिकार नहीं मिल पा रहे हैं। ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि 14 व 28 सितंबर को समिति की बैठक हुई लेकिन, उसमें भी कोई निर्णय नहीं लिया गया। उसके बाद एसडीएम स्तर से 15 गांवों की ग्राम स्तरीय समितियों को एक सप्ताह का नोटिस दिया गया। जिसका जवाब भी छह अक्टूबर को दे दिया गया लेकिन, उसके बाद भी आगे कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। ज्ञापन में कहा गया है कि एक तो वैसे ही आदिवासी समुदाय को उनका अधिकार नहीं मिल रहा है उसके बाद भी उनके दावों को उपखंडस्तरीय समिति में आठ वर्ष तक लटकाए रखना बिल्कुल भी न्यासंगत नहीं है। साथ ही दावों का निस्तारण न होने से उनको अपना अधिकार नहीं मिल पा रहा है। ज्ञापन में चेतावनी दी गई है कि यदि एक सप्ताह में दावों का निस्तारण नहीं किया गया तो थारू समुदाय जनवादी तरीके से आंदोलन करेगा। धरना देने वालों में रामचंद्र राना, बाबूराम बिरिया, लालमन, रामचंद्र बनकटी, निबाटा, माया देवी, मीना देवी,बासो, विशुनी, भगवती, सिमन देवी, सुधिया, कमीला, रविता आदि शामिल थीं।

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