प्रतीकात्मक रूप से होगा रामलीला का मंचन
ोरोना संक्रमण को देखते हुए ऐतिहासिक रामलीला को सीमित कर दिया गया है। मंचन के समय 200 लोगों को ही मेले में प्रवेश दिया जाएगा। साथ ही कोरोना की गाइड लाइन का सख्ती से पालन किया जाएगा।
लखीमपुर : कोरोना संक्रमण को देखते हुए ऐतिहासिक रामलीला को सीमित कर दिया गया है। मंचन के समय 200 लोगों को ही मेले में प्रवेश दिया जाएगा। साथ ही कोरोना की गाइड लाइन का सख्ती से पालन किया जाएगा। मेला कमेटी के कोषाध्यक्ष रमेश गुप्ता ने बताया कि इस बार केवल प्रतीकात्मक रूप से रामलीला का आयोजन किया जा रहा है। रामलीला का मंचन देखने आने वालों को शारीरिक दूरी के मानक का पालन करते हुए हाल में बैठाया जाएगा और उनके लिए मास्क आवश्यक होगा। इसके साथ ही रोज हाल को सैनिटाइज कराया जाएगा। मेले में कोई भी बाहरी दुकान व खेल तमाशा नहीं लगाया जाएगा। 10 वर्ष से कम व 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को मेले में आने की अनुमति नहीं होगी। उन्होंने बताया कि 18 अक्टूबर को शिव पार्वती के विवाह से मंचन का प्रारंभ होगा और 26 अक्टूबर को रावण दहन तथा 27 को भरत मिलाप के साथ मेले का समापन हो जाएगा। इस साल रामलीला के अलावा और किसी भी नाटक का मंचन व रासलीला नहीं होगी। पहले दिन में रासलीला व शाम को रामलीला तथा रात में नाटक का मंचन होता था।
उन्होंने बताया कि इस साल रावण के पुतले की लंबाई भी आधी कर दी गई है। 35 फिट ऊंचा पुतला बनाने की बजाय केवल 18 फिट का रावण तैयार कराया जाएगा।