कल से गूंजेंगे मंदिरों में शंख ध्वनि व मंत्रोच्चार के स्वर
गर्भ गृह में श्रद्धालु भी नहीं जा सकेंगे और फूल व प्रसाद चढ़ाने के लिए पाबंदी रहेगी।
लखीमपुर : सोमवार से शहर के मंदिरों में शंख ध्वनि व मंत्रोच्चार फिर से सुनाई देंगे। शासन के आदेशों के मुताबिक सभी धर्म स्थल खोले जाने हैं। मंदिरों में भी शारीरिक दूरी रखते हुए भक्त पूजा पाठ कर सकेंगे। प्रमुख द्वार पर सैनिटाइजेशन के बाद ही भक्त अंदर जा सकेंगे। वह भी चार से पांच की संख्या में। शुरुआती दौर में फूल, प्रसाद चरणामृत आदि की भी कोई परंपरा मंदिरों में नहीं होगी। भक्त गर्भ गृह में बिल्कुल नहीं जा सकेंगे, बल्कि बाहर से ही दर्शन कर सकेंगे। इसे लेकर संकटा देवी मंदिर, भुईंफोरवा नाथ मंदिर, वीर बाबा मंदिर, जंगली नाथ मंदिर, शीतला देवी मंदिर, बंकटा देवी मंदिर समेत विभिन्न मंदिरों में तैयारियां हो चुकी हैं।
संकटा देवी मंदिर के पुरोहित अंकुर शुक्ला बताते हैं कि प्रमुख द्वार पर ही सैनिटाइजेशन के बाद ही चार से पांच की संख्या में भक्त अंदर जा सकेंगे। बंकटा देवी मंदिर के पुरोहित अशोक कुमार सारस्वत बताते हैं कि शारीरिक दूरी नियम के साथ ही मंदिरों में सुबह से पूजा हो सकेगी। भुईंफोरवा नाथ मंदिर के पुरोहित अमित गिरि बताते हैं कि भोलेनाथ के मंदिर में आने वाले भक्तों को गेट पर ही सैनिटाइजेशन की सुविधा मिलेगी। इसके बाद वे अंदर दर्शन करने जा सकेंगे। अभी फूल, प्रसाद आदि नहीं चढ़ सकेगा। लिलौटी नाथ मंदिर के पुरोहित रोहित गिरि बताते हैं कि मंदिर में भक्तों को दूर से ही दर्शन करने दिया जाएगा। वे गर्भ गृह में अंदर नहीं जा सकेंगे, शारीरिक दूरी का ध्यान रखा जाएगा।