तराई में साल दर साल खिसकता जा रहा कांग्रेस का जनाधार
त दर्ज की थी। इसके बाद वर्ष 2014 की मोदी लहर में कांग्रेस को न सिर्फ जिले की दोनों सीटें गंवानी पड़ी बल्कि उसका मत प्रतिशत भी खासा नीचे पहुंच गया। 2014 में धौरहरा में कांग्रेस प्रत्याशी जितिन प्रसाद मात्र 170994 वोट पाकर चौथे पायदान पर खिसक गए थे। पार्टी का मत प्रतिशत 16.12 पर रह गया था। वहीं खीरी सीट पर तत्कालीन सांसद जफर अली नकवी तीसरे पायदान पर पहुंच गए थे। उन्हें 1
लखीमपुर : वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव की तरह इस बार भी जिले की दोनों लोकसभा सीटों पर कांग्रेस को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है, पर इस बार का चुनाव परिणाम पार्टी के लिए और भी निराशाजनक रहा। कारण, पिछली बार से इस बार कांग्रेस का मत प्रतिशत यहां और भी घट गया है। जो नतीजे सामने आए हैं, उनसे तराई इलाके में कांग्रेस का जनाधार खिसकता नजर आ रहा है।
ये वहीं कांग्रेस पार्टी है, जिसने वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में जिले की दोनों लोकसभा सीटें जीतकर अपने पुराने गढ़ में दो दशक बाद शानदार वापसी की थी। तब खीरी लोकसभा सीट से कांग्रेस नेता जफर अली नकवी ने कुल 184982 मत पाकर जीत दर्ज की थी। वहीं धौरहरा लोकसभा सीट पर तत्कालीन केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ने 391391 मत पाकर शानदार जीत दर्ज की थी। इसके बाद वर्ष 2014 की मोदी लहर में कांग्रेस को न सिर्फ जिले की दोनों सीटें गंवानी पड़ी, बल्कि उसका मत प्रतिशत भी खासा नीचे पहुंच गया। 2014 में धौरहरा में कांग्रेस प्रत्याशी जितिन प्रसाद मात्र 170994 वोट पाकर चौथे पायदान पर खिसक गए थे। पार्टी का मत प्रतिशत 16.12 पर रह गया था। वहीं खीरी सीट पर तत्कालीन सांसद जफर अली नकवी तीसरे पायदान पर पहुंच गए थे। उन्हें 183940 वोट मिले थे। मत प्रतिशत 17.07 रह गया था। इस बार 2019 के चुनाव परिणाम और भी निराशाजनक रहे। जिले की दोनों ही सीटों पर पार्टी प्रत्याशी तीसरे पायदान पर रहे। इसमें धौरहरा सीट पर पार्टी प्रत्याशी जितिन प्रसाद को पिछली बार से भी कम महज 162856 वोट मिले। मत प्रतिशत खिसक कर 15.31 पर पहुंच गया। खीरी सीट के प्रत्याशी जफर अली नकवी महज 92155 वोट ही पाए। मत प्रतिशत 8.11 ही रह गया।
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