लखीमपुर : राली जलाने की घटनाओं पर सेटेलाइट से नजर रखी जा रही है। जिले में 1 अक्टूबर से अब तक 187 घटनाओं की सूचना मिली थी। जांच में 33 घटनाओं की पुष्टि नही हुई। पुष्टि के बाद मामले में 34 किसानों पर जुर्माना की कार्रवाई की गई।31 किसानों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। जिले में अब तक 1.62500 लाख का जुर्माना वसूला गया है। कुल 445000 जुर्माना किया गया है। इस मामले में 13 लेखपालों को स्पष्टीकरण,7 लेखपाल को आरोपपत्र और छह प्राविधिक सहायक को नोटिस जारी की गई है।उप निदेशक कृषि प्रसार ने किसानों से अपील की है कि पराली नहीं जलाएं, ताकि प्रशासन को कार्रवाई के लिए मजबूर न होना पड़े।
पराली जलाने की घटनाओं पर खीरी समेत आठ डीसीओ से जवाब-तलब पराली जलाने की घटनाओं पर अंकुश न लग पाने पर खीरी के जिला गन्ना अधिकारी समेत प्रदेश के आठ अधिकारियों से जवाब तलब किया गया है। इसमे लखीमपुर के अलावा सहारनपुर मुजफ्फरनगर मेरठ शाहजहांपुर सीतापुर कुशीनगर व महाराजगंज जिले हैं।खीरी समेत इन जिलों में खेत मे सूखी पत्तियों के जलाने की घटनाएं सर्वाधिक प्रकाश में आई है।पराली जलाने की घटनाओं के थमने का नाम नही ले रही है।इसको लेकर सरकार ने सख्त कदम उठाएं है।कार्रवाई के साथ ही लोग पराली न जलाएं ।इसके लिए किसानों को जागरूक करने के लिए अभियान भी चलाना है।खेतों में पराली जलाने पर वायू प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण अधिनियम के तहत कार्रवाई को लेकर भी सचेत करना है।यह भी उल्लेखनीय है कि विभागीय प्रयासों के फलस्वरूप गत वर्षों के सापेक्ष इस वर्ष गन्ने की सूखी पत्तियों एवं अवशेषों को जलाए जाने की घटनाओं में बहुत कमी आई है । यदि कहीं ऐसा पाया जाता है तो उसे रोकने के लिए विभाग पूर्णतया तत्पर है ।पराली जलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई कराई जाएगी।पिछले साल भी प्रदेश के 26 जिलों में खीरी जिला पराली जलाने वालों में शामिल था।इसमे डीएम से जवाब तलब हुआ था।इस बार आठ जिलों में भी खीरी जिला शामिल है।
........
पराली से खाद बनाकर रुकेगा वायू प्रदूषण वायु प्रदूषण रोकने के उद्देश्य से गन्ने की सूखी पत्तियों को जलाने के बजाय उसको खाद बनाने के लिए गन्ना विभाग अभियान चला रहा है। गन्ना किसानों को सूखी पत्तियों की ट्रैश मल्चिग करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। फार्म मशीनरी बैंक के माध्यम से गन्ना किसानों को रैटून मैनेजमेंट डिवाइस ( आर.एम.डी. ) व ट्रैश मल्चर उपलब्ध कराए जा रहे हैं । फसल अवशेषों को खेतों में ही खाद बनाने से उर्वरकों के प्रयोग में कमीआयेगी।इससे किसानों को अतिरिक्त आय होगी।
जिला गन्ना अधिकारी बृजेश पटेल ने कृषक गोष्ठी , कृषक मेला , पंपलेट , वॉल पेंटिग के माध्यम से किसानों को जागरूक करने तथा फार्म मशीनरी बैंकों के माध्यम से आर.एम.डी. ट्रैश मल्चर उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया है ।
में कोरोना वायरस से जुडी सभी खबरे