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स्थानीय प्रत्याशी का मुद्दा चुनाव में जरूर डालेगा असर

हरीश श्रीवास्तव पलियाकलां (लखीमपुर) विधानसभा चुनाव की रणभेरी बज चुकी है। चुनाव लड़ने वा

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Jan 2022 09:13 PM (IST)Updated: Tue, 18 Jan 2022 09:13 PM (IST)
स्थानीय प्रत्याशी का मुद्दा चुनाव में जरूर डालेगा असर
स्थानीय प्रत्याशी का मुद्दा चुनाव में जरूर डालेगा असर

हरीश श्रीवास्तव, पलियाकलां (लखीमपुर) : विधानसभा चुनाव की रणभेरी बज चुकी है। चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी व राजनैतिक दल अपनी रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं। किसको कहां से प्रत्याशी बनाया जाए या फिर कौन सी रणनीति अपनाई जाए यह सब चल रहा है। इसके साथ ही चुनाव में सबसे अहम भूमिका निभाने वाले मतदाताओं के मन में भी तमाम सवाल उठने लगे हैं। क्षेत्र के विकास, जनप्रतिनिधियों के कार्य व उनके व्यवहार को लेकर मतदाता अक्सर अपना विचार बनाते हैं कि उन्हे किसको वोट करना है। यहां चौथे चरण में होने वाले चुनाव को लेकर अभी तक किसी राजनीतिक दल ने अपने प्रत्याशी घोषित नहीं किए हैं। इसलिए तस्वीर अभी ज्यादा साफ नहीं है। बावजूद इसके मतदाताओं में स्थानीय प्रत्याशी को लेकर सुगबुगाहट है। दरअसल अभी तक यदि निरवेंद्र कुमार मुन्ना के विधायक के कार्यकाल को छोड़ दिया जाए तो यहां से हमेशा बाहरी प्रत्याशी ही चुनाव जीतता रहा है। जबसे पलिया विधानसभा क्षेत्र बना है तब से रोमी साहनी ही विधायक हैं। वह भी मूल रूप से गोला के रहने वाले हैं लेकिन, अब उन्होंने यहां पर अपना मकान बना लिया है और यहीं पर रहने भी लगे हैं। इसलिए वह तो इस श्रेणी में फिट बैठते हैं लेकिन, कांग्रेस से 2017 में चुनाव लड़े सैफ नकवी लखीमपुर के बाशिदे हैं। बसपा प्रत्याशी रहे डा. वीके अग्रवाल जरूर स्थानीय थे लेकिन, उनके निधन के बाद जिस नेता ने बसपा से दावेदारी की है वह लखीमपुर के चिकित्सक बताए गए हैं। यही हाल सपा का भी है। सपा से 2017 में प्रत्याशी रही अनिता यादव मैलानी की निवासी है। अगर प्रत्याशियों में बदलाव न भी हो तो स्थानीयता का मुद्दा चुनाव पर असर जरूर डालेगा। मतदाताओं को लगता है कि विधायक स्थानीय होने पर वह उनके दुख दर्द में शामिल होगा और यदि शामिल नहीं भी होगा तो जरूरत के समय उनसे मुलाकात आसानी से हो सकती है। हालांकि प्रत्याशियों को यह बात कितनी समझ में आती है यह अलग बात है। पलिया सीट के संभावित दावेदार:

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भाजपा के निवर्तमान विधायक रोमी साहनी, समाजसेवी रवि गुप्ता, गजेंद्र सिंह सहित और भी कई लोग भाजपा के टिकट के दावेदार हैं। इसी तरह कांग्रेस से सैफ नकवी, बलराम गुप्ता, रिसाल अहमद व अन्य कुछ लोग टिकट की दौड़ में हैं। बसपा के पूर्व प्रत्याशी डा. वीके अग्रवाल का निधन हो चुका है उनकी जगह पर लखीमपुर के एक चिकित्सक ने दावेदारी प्रस्तुत की है। सपा व रालोद से अभी तक किसी का नाम बहुत आगे नहीं बढ़ पाया है। अलबत्ता पूर्व प्रत्याशी अनिता यादव, पूर्व ब्लाक प्रमुख जार्जी ढि़ल्लन का नाम चर्चा में है।


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