विकास से कोसों दूर है नेपाल सीमा से सटा संपूर्णानगर
संपूर्णानगर (लखीमपुर) नेपाल सीमा से सटा संपूर्णानगर क्षेत्र विकास से कोसों दूर हैं । यहां प
संपूर्णानगर (लखीमपुर) : नेपाल सीमा से सटा संपूर्णानगर क्षेत्र विकास से कोसों दूर हैं । यहां पर अच्छे इलाज, पढ़ाई व खेल जैसी सुविधाओं का अभाव है। इसके चलते इस क्षेत्र को एक पिछड़ा माना जाता है। यहां के छात्र खेल में भी अव्वल रहे हैं लेकिन, खेल सुविधाओं के अभाव में छात्र बाहर जाने से वंचित रह जाते हैं। क्षेत्र के नौजवान खेल में जिले से लेकर स्टेट तक खेले हैं लेकिन, क्षेत्र में कोई स्टेडियम न होने से उनको पर्याप्त मौका नहीं मिल पाता है। कोई डिग्री कालेज न होने से अधिकांश छात्र-छात्राएं दूर जाने से कतराते हैं और उच्च शिक्षा से वंचित रह जाते हैं, हालांकि यहां पर इंटर कालेज मौजूद है। क्षेत्र के लिए सबसे बड़ी कमी चिकित्सा सुविधा की है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है लेकिन, यहां पर समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की जरूरत है, पर इसके लिए किसी ने प्रयास नहीं किया, जबकि यहां के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के पास काफी जगह भी उपलब्ध है। संपूर्णानगर के साथ जिला पीलीभीत का क्षेत्र भी यहां से जुड़ा है। वे लोग भी संपूर्णानगर पर ही निर्भर हैं। रात में स्वास्थ्य बिगड़ने पर 30 से 35 किलोमीटर की दूरी तय कर पलिया जाने के अलावा और कोई साधन नहीं है जहां पर सही इलाज मिल सके।
क्षेत्र के लोगों के लिए जिला मुख्यालय की दूरी भी बहुत बड़ी समस्या है। यहां के लोगों को जिला मुख्यालय जाने के लिए 120 किलोमीटर की दूरी का सफर करना पड़ता है। कई बार पलिया को जिला बनाने के लिए आवाज उठाई गई लेकिन, इस ओर कोई ध्यान नहीं है। क्षेत्र के लोगों को पलिया जिला होने की दरकार है ताकि जिला मुख्यालय का लंबा सफर कम हो सके तथा क्षेत्र का विकास भी हो सके।