विधानसभा चुनाव में फिर उछलेगा मैगलगंज को नगर पंचायत बनाने का मुद्दा
मैगलगंज (लखीमपुर) आगामी विधानसभा के चुनाव के सियासी मैदान में पिछले 20 वर्षों से मैगलगंज को न
मैगलगंज (लखीमपुर) : आगामी विधानसभा के चुनाव के सियासी मैदान में पिछले 20 वर्षों से मैगलगंज को नगर पंचायत बनाने का मुद्दा फिर से छाएगा। जनप्रतिनिधियों के वादो के बाद भी कई वर्षों से मैगलगंज कस्बा नगर पंचायत का दर्जा पाने की बाट जोह रहा है।
निजाम बदले, सरकार बदली, माननीयो के चेहरे बदले लेकिन, लार्ड मैकाले के नाम पर बसा कस्बा मैगलगंज गुलाब जामुन के लिए दूर-दूर तक मशहूर तो है लेकिन आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। आने वाले विधान सभा चुनाव में नगर पंचायत बनाने के अपने वादे का माननीयों को जबाब देना होगा। कस्बा मैगलगंज, सीतापुर व हरदोई जिले की सीमा से सटा लगभग 20 हजार की आबादी को अपने आंचल में समेटे है, फिर भी मैगलगंज नगर पंचायत के दर्जे से काफी दूर है। जबकि राष्ट्रीय राज मार्ग लखनऊ दिल्ली मार्ग पर स्थित है। रेलवे स्टेशन, कृषि उत्पादन मंडी समिति का विशाल परिसर, पुलिस स्टेशन, इंडियन बैंक, आर्यावर्त बैंक, बैंक आफ बड़ौदा, पीएनबी, एसबीआइ, जिला सहकारी बैंक संचालित है। इसके अतिरिक्त पशु चिकित्सालय दर्जनों शिक्षण संस्थान व्यापारिक ²ष्टि से एक बड़े बाजार को अपने आगोश में लिए मैगलगंज नगर पंचायत का रुतबा पाने के लिए बेकरार है। रसगुल्लों के कस्बे के रूप में अपनी पहचान बनाने वाले कस्बे के रसगुल्ले देश-विदेश में मशहूर हैं। आम आदमी से लेकर वीवीआइपी नेता, अभिनेता सभी बड़े चाव से इसका स्वाद लेते हैं। हाईवे की रौनक व दुकानदारों के रख-रखाव से अतिथियों को देखने से लगता होगा कि मैगलगंज को नगर पालिका का दर्जा प्राप्त होगा। लेकिन हकीकत यह है की शासन प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों की घोर उपेक्षा का शिकार मैगलगंज को आज भी ग्राम पंचायत का दर्जा नहीं प्राप्त है।
मैगलगंज की जागरूक जनता आने वाले विधान सभा चुनाव में राजनीतिक पार्टियों के माननीयों से उनके द्वारा पूर्व में मैगलगंज को नगर पंचायत बनाए जाने के किए वादे को जरूर याद दिलाएगी क्योंकि पिछले कई इलेक्शन में माननीयों ने मैगलगंज को नगर पंचायत का दर्जा दिलवाने का वादा किया लेकिन, आज तक किसी ने पूरा नहीं किया।