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ओवरलोडिग अब भी बनी मुसीबत

परिवहन विभाग मानता है कि पहले की अपेक्षा कम हुए हैं हादसे। नए मोटर व्हीकल एक्ट के तहत होने वाले जुर्माने का असर पड़ा है। सबके बावजूद हाईवे पर ओवरलोडिग दिखाई देती हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 24 Jun 2020 10:21 PM (IST)Updated: Wed, 24 Jun 2020 10:21 PM (IST)
ओवरलोडिग अब भी बनी मुसीबत
ओवरलोडिग अब भी बनी मुसीबत

लखीमपुर : जिले के हाईवे हों या शहर के अंदर प्रमुख मार्ग पर हादसों में कमी आई है। नए मोटर व्हीकल एक्ट के तहत होने वाले जुर्माने का असर पड़ा है। परिवहन विभाग भी मानता है कि हादसों पर लगाम लगी है। यही हाल ओवरलोडिग का भी है। शहर की सड़कों पर ओवरलोडिग न के बराबर दिखाई देती है। इन सबके बावजूद शहर के बाहर तक जाने वाले हाईवे पर अभी इक्का-दुक्का ट्रक या ट्रॉलियां ओवरलोडिग करती दिखाई देती हैं।

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ओवरस्पीडिग की बात करें तो परिवहन विभाग के अनुसार इस वर्ष ओवरस्पीडिग में सिर्फ तीन हादसे ही हुए हैं। यही हाल ओवरलोडिग का भी है। शहर में इक्का-दुक्का वाहन ओवरलोडिग करते दिखते हैं। लेकिन ओवरलोडिग हाईवे पर दिखाई दे रही है। जहां ट्रक या ट्रॉलियां जरूरत से ज्यादा वजन लादकर चल रही हैं। परिवहन विभाग के अनुसार पिछले माह से अब तक ओवरलोडिग के करीब 20 चालान किए गए हैं। यह ज्यादातर हाईवे के आसपास के ही हैं। कुछ लापरवाही पाई जा रही है। विभाग के मुताबिक 20 से 30 प्रतिशत लोग ऐसे हैं, जो अपने कागजों के प्रति लापरवाह हैं।

नियम कानूनों के प्रति लोग जागरूक हुए हैं। सड़क हादसों की वजह दूसरी भी हो सकती है। इसमें ओवरस्पीडिग के साथ-साथ सड़कों का खराब होना भी शामिल है। इसके चालान किए जाते हैं। ज्यादातर लोग कागज रखकर भी चल रहे हैं। फिर भी कहीं न कहीं अभी जो कमी है, उसे पूरी करना पड़ता है। पूरे साल में ओवरस्पीडिग से हादसे सिर्फ तीन हुए हैं।

आरके चौबे, एआरटीओ प्रवर्तन


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