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शर्म छोड़ महिलाओं ने संभाला मोर्चा, खुले में शौचमुक्त हुआ बगहा

सिकंद्राबाद: गांवों में महिलाएं लाज-शर्म के घूंघट में सिकुड़ी-सिमटी रहती हैं लेकिन जब बा

By JagranEdited By: Published: Tue, 25 Sep 2018 11:43 PM (IST)Updated: Tue, 25 Sep 2018 11:43 PM (IST)
शर्म छोड़ महिलाओं ने संभाला मोर्चा, खुले में शौचमुक्त हुआ बगहा
शर्म छोड़ महिलाओं ने संभाला मोर्चा, खुले में शौचमुक्त हुआ बगहा

सिकंद्राबाद: गांवों में महिलाएं लाज-शर्म के घूंघट में सिकुड़ी-सिमटी रहती हैं लेकिन जब बात स्वच्छता की आई तो गोला ब्लॉक मुख्यालय से करीब नौ किमी दूर सहाबुद्दीनपुर ग्राम पंचायत के बगहा गांव की महिलाओं ने शर्म का घूंघट उतार दिया और स्वच्छता की अलख जगानी शुरू कर दी। स्वच्छता को लेकर छेड़ी गई महिलाओं की यह मुहिम आखिरकार रंग लाई और बगहा गांव खुले में शौचमुक्त हो गया। महिलाओं के इस जज्बे से डीएम भी प्रभावित हुए बिना नहीं रह सके। उन्होंने महिलाओं को सम्मानित कर उनका मान बढ़ाया।

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स्वच्छता की मुहिम को शुरू करने के लिए सबसे पहले महिलाओं ने खुले में शौच के विरूद्ध लोगों को जागरूक करना शुरू किया। गांव की करीब दर्जन भर महिलाओं ने इस परंपरा के विरूद्ध पुरुषों को भी साथ मिलाया और इसके बाद वह पंचायतीराज विभाग की स्वच्छता मुहिम में शामिल होकर निगरानी समिति बनाई। महिलाओं को शुरू में तो काफी परेशानी हुई। कई बार लोगों से उनकी बहस भी हुई लेकिन, महिलाओं ने ठान लिया था कि उन्हें खुले में शौच की परंपरा को बदलना है। दो महीने की मेहनत के बाद आखिरकार लोगों ने महिलाओं की इस मुहिम की सराहना शुरू की और उनके अभियान में पूरा सहयोग करते हुए गांव को खुले में शौच से आ•ादी दिलाई। आज भी महिलाओं की यह निगरानी समिति गांव के आसपास खुले में शौच पर नजर रखकर लोगों को जागरूक कर रही हैं। महिलाओं के मुताबिक जुलाई 2016 में गांव के आशुतोष कुमार ने इस मुहिम में महिलाओं को जोड़ा। फिर समिति में बारह महिलाएं और आठ पुरुष शामिल हुए। आशुतोष ने निगरानी समिति के सदस्यों को बाकायदा इसकी ट्रेनिंग भी दी। सभी को एक ड्रेस और सीटी दी गई। समिति के सदस्य गांव के चारों ओर खुले में शौच जाने वालों को समझा कर रोकते हैं। ये महिलाएं अपने काम में जी जान से जुटी हैं। महिलाओं की इस मुहिम के कारण गांव में शौचालय निर्माण कराए गए। धीरे धीरे गांव के लोगों ने खेतों में शौच के लिए जाना बंद कर दिया है।

महिलाओं को सरकारी सिस्टम से है शिकायत

बगहा गांव को खुले में शौच से आ•ादी दिलाने वाली दर्जन भर महिलाओं को अधिकारियों से ढेरों शिकायत है। महिलाओं ने बताया कि अधिकारियों ने उन्हें आवास और बीस ह•ार की चेक दिलाने का आश्वासन दिया था। इसके लिए उन्होंने दो साल मेहनत की। घर का काम छोड़ा। घर वालों की डांट भी खानी पड़ी लेकिन, गांव को खुले में शौच से आजाद करा दिया। लेकिन अधिकारी अपना वादा भूल गए।

महिलाओं की मुहिम समाज के लिए संदेश

खंड विकास अधिकारी बालक राम कहते हैं कि बगहा गांव को खुले में शौचमुक्त की मुहिम में शामिल टीम को प्रोत्साहित किया जाएगा। टीम ने अच्छा काम किया है। इससे समाज को भी अच्छा संदेश मिला है।


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