न कहीं सैनिटाइजेशन न कहीं दवा का छिड़काव
संपूर्ण बंदी के दौरान गंदा पड़ा शहर। हालात ये है कि शहर की गलियों मुहल्लों चौराहों पर कचरे के ढेर लगे हैं नालियां बजबजा रही हैं। उनकी खोज खबर लेने वाला कोई नहीं है।
लखीमपुर : कहते हैं चार दिन की चांदनी और फिर अंधेरा पाख यह कहावत नगर पालिका की सफाई व्यवस्था पर सटीक बैठती है। चुनाव के दौरान तो जो वादे किए थे, किए थे, लेकिन प्रशासन के द्वारा दिए गए कोरोना काल के दिशा-निर्देश भी नगर पालिका परिषद ने अब ताक पर दिए हैं। हालात ये है कि शहर की गलियों मुहल्लों चौराहों पर कचरे के ढेर लगे हैं, नालियां बजबजा रही हैं। उनकी खोज खबर लेने वाला कोई नहीं है। डेढ़ से दो सौ सफाई कर्मी भी हैं लेकिन, यह सब कहां काम करते हैं यह नहीं कहा जा सकता। प्रस्तुत है संपूर्ण के दौरान शहर की सफाई व्यवस्था बयान करती रिपोर्ट । ²श्य एक :
समय दिन में 11 बजे
स्थान : रेलवे स्टेशन के बाहर का ²श्य
रेलवे स्टेशन के बाहर प्रमुख द्वार से टैक्सी स्टैंड तक कचरे का ढेर लगा हुआ था आते जाते जानवर उसे उधर फैला रहे थे। बंदी के कारण यहां लोगों का आवागमन नहीं था, फिर भी बिखरा कचरा बता रहा था कि इसे बीते करीब एक हफ्ते से नहीं उठाया गया होगा। ²श्य दो
समय 11:15 बजे
स्थान : कोतवाली के सामने वाली गली
कोतवाली के सामने से नई बस्ती जाने वाली गली अक्सर गंदी हो रही है। पूरी गली में कचरा बिखरा रहना, वहां के लिए कोई नयी बात नहीं। इस गली से अंधेरे उजाले भी लोग बच कर ही निकलते हैं। यहां सफाई कम मिलती है। ²श्य तीन
समय 11:45 बजे
मुहल्ला नई बस्ती :
इस मुहल्ले में तो कई जगहों पर गंदगी मिली। एक तो वह नाला जो अस्पताल रोड की तरफ गया है। नया बनने के बावजूद यहां पर पूरा नाला जाम दिखा और जलभराव भी दिखा। इसके अलावा विभिन्न गलियां गंदी थीं। गली वासियों ने बताया कि बंदी के दौरान न कोई छिड़काव न कोई सैनिटाइजेशन ही हुआ। ²श्य चार,
समय दोपहर 12 बजे,
स्थान : मुहल्ला थरवरनगंज
यह मुहल्ला शहर के बीच बाजार का है। जामा मस्जिद से अस्पताल रोड की तरफ आने वाले पूरे रास्तों पर कचरे के तीन जगहों पर ढेर लगे दिखाई दिए। इसके अलावा मस्जिद के पास से सदर बाजार की ओर जाने वाला रास्ता भी गंदा दिखा। मुहम्मद नईम बताते हैं कि बंदी के दौरान भी यहां कोई सफाई नहीं है। टीम भेजकर सफाई कराएंगे
इस बारे में नगर पालिका परिषद अध्यक्ष निरुपमा वाजपेई का कहना है कि वे टीम भेजकर सफाई कराएंगी, पर वह यह नहीं बता सकीं कि कहां कहां सफाई हुई या नहीं। सैनिटाइजेशन की क्या स्थिति है, इस बारे में भी उन्हें कोई जानकारी नहीं थी।