डग्गामार बसों के खिलाफ जनता में आक्रोश
कोविड 19 के तमाम मानक इन डग्गामार बसों के लिए बेमानी साबित हो रहे हैं। यातायात नियम भी इनके लिए मायने नहीं रखते क्योंकि रास्ते भर इनकी सेटिग इतनी तगड़ी है कि बसों के चालक परिचालक व अन्य स्टाफ यात्रियों के साथ अभद्रता भी कर दें तो उसकी कोई सुनने वाला नहीं।
लखीमपुर : खीरी, सीतापुर व हरदोई जिलों के दर्जनों स्थानों से दिल्ली जाने वाली डग्गामार बसों के संचालन को लेकर क्षेत्रवासियों में खासा आक्रोश है। कोरोना महामारी के समय में इन बसों के संचालन ने क्षेत्र में दहशत फैला रखी है। कोविड 19 के तमाम मानक इन बसों के लिए बेमानी साबित हो रहे हैं। यातायात नियम भी इनके लिए मायने नहीं रखते क्योंकि रास्ते भर इनकी सेटिग इतनी तगड़ी है कि बसों के चालक परिचालक व अन्य स्टाफ यात्रियों के साथ अभद्रता भी कर दें तो उसकी कोई सुनने वाला नहीं।
नेशनल हाईवे 24 पर रोजाना होने वाली वाहन चेकिग के दौरान भी जिम्मेदार इन बसों का आवागमन अनदेखा कर देते हैं। कारण क्या है, इसकी चर्चाएं भी होती रहती हैं लेकिन, इसका कोई असर नहीं। हालांकि अनलॉक के बाद जब इन बसों का संचालन शुरू हुआ तो एसडीएम स्वाति शुक्ला ने पुलिस टीम के साथ बसों का निरीक्षण कर जुर्माना भी वसूला लेकिन, उसके बाद से बसें पुराने तरीके फर्राटा भरने लगीं। कौमी एकता कमेटी के अध्यक्ष मुंशी अब्दुल जलील ने संक्रमण काल के दौरान दिल्ली सहित पसगवां क्षेत्र में विभिन्न मार्गों पर चलने वाली प्राइवेट बसों, टेंपो व ई रिक्शा के मानकों के विपरीत संचालन रोके जाने की मांग की है। उन्होंने एआरटीओ को पत्र भेजकर इसकी शिकायत करने के साथ ही निर्धारित मानकों के खिलवाड़ बंद करने की चेतावनी दी थी अन्यथा की स्थिति में वह धरना देने को मजबूर होंगे। उनका कहना है इन बसों से आने वाले यात्रियों की कोई जांच पड़ताल नहीं होती। ऐसे में यह लोग संक्रमण के वाहक बन सकते हैं।