नाम के आगे लगा खान तो लड़की वालों ने तोड़ा रिश्ता
निभा रही थीं। दरवाजे पर खुशनुमा माहौल में तिलक चढ़ाया जा रहा था। घरवालों के साथ ही रिश्तेदार, पड़ोसी सभी कार्यक्रम का आनंद ले रहे थे। तभी एक रिश्तेदार धर्मपाल ने अतिउत्साहित होकर हर्ष फाय¨रग कर दी और गोली चलने की आवाज के साथ ही सारी खुशियां गम में बदल गईं। एक पल पहले ताक-झांक करके तिलक चढ़ता देख रही मासूम मधु गोली लगने से तड़पते हुए मौत के आगोश में चली गई। वारदात के बाद मची अफरा-तफरी का फायदा उठाकर धर्मपाल अपनी बाइक छोड़कर भाग गया। न्यायालय द्वारा हर्ष फाय¨रग प्रतिबंधित होने के बाद भी ग्रामीण इलाकों में इस पर लगाम नहीं लग पा रही है। लाइसेंसी शस्त्रधारकों पर तो अंकुश लग गया, लेकिन अवैध हथियारों से होने वाली हर्ष फाय¨रग नहीं थम रही है। तिलक समारोह में हुई हर्ष फाय¨रग तीन परिवारों पर भारी पड़ गई। रमेश ने जहां अपनी बेटी मधु को खो दिया, वहीं उजाला देवी व रोहित अपनी ¨जदगी से जूझ रहे हैं।
लखीमपुर : कोलकाता निवासी युवक का रिश्ता लखीमपुर की युवती से शादी का विज्ञापन देखकर तय हुआ था। सगाई भी हो गई, पर उसके बाद लड़की वालों ने रिश्ता इस बात पर तोड़ दिया कि लड़के के नाम के आगे उपनाम खान लगा है। हालांकि युवक ¨हदू है और उसका कहना है कि लड़की वालों को उसके उपनाम के बारे में पहले से पता था। पीड़ित युवक व उसके पिता ने लखीमपुर के डीएम समेत मुख्यमंत्री को प्रार्थनापत्र भेजकर न्याय की गुहार लगाई है।
कोलकाता निवासी प्रसादचंद्र खान ने बताया कि वह ¨हदू हैं। उनके उपनाम में खान शब्द उनके पूर्वजों को लखनऊ के नवाब वाजिद अली शाह से मिला था। तब से उनका परिवार ¨हदू होते हुए भी नाम के साथ उपनाम में खान शब्द लिख रहा है। प्रसादचंद्र का कहना है कि उनके पुत्र मोनोजीत चौधरी ने एक वैवाहिक वेबसाइट पर अपने विवाह का प्रस्ताव डाला था। उसी के जरिए उनके बेटे की विवाह संबंधी बात लखीमपुर निवासी युवती से हुई। इसमें मोनोजीत ने युवती को अपने नाम के साथ उपनाम में खान शैक्षिक प्रपत्रों में लिखे होने की बात बताई। इसके बाद बीती तीन नवंबर को युवती के परिवार के गुरुजी मोनोजीत के घर गए और वहां रुके। वापस जाते समय उन्होंने 10 नवंबर को गोद भराई की रश्म लखीमपुर युवती के घर जाकर करने को कहा। 10 नवंबर को मोनोजीत के परिवार वाले लखीमपुर आए और गोद भराई की, जिसमें उपहार स्वरूप नकदी व आभूषण भी दिए। बीती नौ दिसंबर को लड़की के परिवार वाले भी कोलकाता गए और वहां ठहरे। उन लोगों ने वहां कहा कि वापस लखीमपुर जाकर शादी की तिथि बताएंगे। इसके बाद लड़की वालों ने ये कहते हुए शादी से इन्कार कर दिया कि लड़के के उपनाम में खान लिखा है और वह मुस्लिम है। प्रसादचंद्र ने बताया कि उनका गोद भराई में दो लाख से ज्यादा रुपया खर्च हुआ है, जिसे लड़की वाले देने से भी मना कर रहे हैं। उनका कहना ही कि लड़की वालों ने जानबूझ कर उनके साथ ठगी की है।