टेरर फंडिग का नया ट्रैक नेपाल टू दिल्ली वाया लखीमपुर
जिम्मेदार की सुनिए ये चारों युवक पिछले कई सालों से नेपाल के खातों में विदेशों से भेजी जाने वाली रकम को भारतीय मुद्रा में तब्दील कराकर नई दिल्ली में राष्ट्र विरोशी तत्वों तक पहुंचाने का काम करते थे। खीरी की क्राइम ब्रांच व निघासन इंस्पेक्टर दीपक शुक्ला ने पूरी सावधानी से इस गिरोह का भंडाफोड़ किया। अभी इस मामले में कई राज खुलने बाकी हैं और करीब एक दर्जन संदिग्ध लोगों की तलाश की जा रही है। अभी कई बड़े राज खुलने बाकी हैं। पूनम एसपी
लखीमपुर: करीब एक सौ बीस किलोमीटर लंबी खीरी जिले से सटी भारत-नेपाल सीमा दरअसल ओपेन तो भारत-नेपाल के रोटी और बेटी के संबंधों के लिए थी लेकिन आतंक के आकाओं ने इसे टेरर फंडिग का नया मुफीद रास्ता ही बना दिया। खीरी जिले के इतिहास में पहली बार किसी आतंकी तक रकम पहुंचाने का ये मामला पहली बार सामने आया। जब खतरनाक कैरियरों की कालर तक पुलिस के हाथ पहुंचे और राज खुले तो ये पता चला कि कैसे बेहद आसानी से आतंक के आका अपने दिल्ली में बैठे गुर्गों तक ये सारी रकम पहुंचाते रहे और सीमा पर तमाम खुफिया एजेंसियां बगले झांकती रहीं। पुलिस को इन चारों आरोपितों से मिली जानकारी ये बताती है कि कैसे और कितने ऐहतियात बरत कर ये सभी आसानी से नेपाली करेंसी को खीरी जिले के तिकुनिया में लाते थे और कैसे नेपाली रुपयों को भारतीय बनाकर उनको दिल्ली तक पहुंचाया जाता था।
17 दिन की मेहनत के बाद जाल में फंसे आरोपित
पुलिस के मुताबिक खीरी जिले से सटे नेपाल के कैलाली जिले की भदनी थाना पुलिस ने विजय शाह नामक आरोपित को गिरफ्तार किया। उसने कुबूल किया कि वह भारत के जरिए विदेशी रकम को दिल्ली तक पहुंचाता है। हैरत की बात ये थी कि विजय शाह ने ये रकम नेपाल की राष्ट्रीय बैंक के एकाउंट को हैक कर ट्रांसफर की थी। बस यहीं से एसपी खीरी पूनम की लोकल इंजेलीजेंस व क्राइम ब्रांच ने इस बड़े मामले की लाइन पकड़ ली। पता करते-करते उनको सबसे पहला नाम संजय अग्रवाल का मिला जो तिकुनिया में नेपाली रकम को भारतीय बनाने का काम करता था।
उन्मेद का मामा मुमताज लाता था नेपाली करेंसी
बरेली का रहने वाला उन्मेद इस कारोबार पिछले कई सालों से लिप्त था। पुलिसिया छानबीन में ये सामने आया कि उसका मामा मुमताज नेपाल में स्टेशनरी की दुकानों पर काम करता था। वहीं उसकी आड़ में उसने हवाला का ये कारोबार भी शुरू कर दिया और अपने भांजे उन्मेद को खीरी के तिकुनिया कस्बे से दिल्ली तक रकम पहुंचाने की जिम्मेदारी दे दी। कई सालों से ये खेल खेला जा रहा था और किसी को कानोकान खबर भी नहीं थी। पुलिस के मुताबिक मुमताज करीब दस साल से नेपाल में है और वहीं से अपना नेटवर्क चला रहा था।
जिम्मेदार की सुनिए
ये चारों युवक पिछले कई सालों से नेपाल के खातों में विदेशों से भेजी जाने वाली रकम को भारतीय मुद्रा में तब्दील कराकर नई दिल्ली में राष्ट्र विरोधी तत्वों तक पहुंचाने का काम करते थे। खीरी की क्राइम ब्रांच व निघासन इंस्पेक्टर दीपक शुक्ला ने पूरी सावधानी से इस गिरोह का भंडाफोड़ किया। अभी इस मामले में कई राज खुलने बाकी हैं और करीब एक दर्जन संदिग्ध लोगों की तलाश की जा रही है।
पूनम , एसपी