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दुधवा पार्क की सुरक्षा में सहयोग कर रही नेपाली पुलिस

एसएसबी एसटीपीएफ के साथ संतुलन बनाकर तस्करों को दबोच रही नेपाल पुलिस। 60 से 70 किलोमीटर एरिया में सबसे ज्यादा संवेदनशील हैं दुधवा की रेंजे।

By JagranEdited By: Published: Fri, 07 Aug 2020 10:58 PM (IST)Updated: Sat, 08 Aug 2020 06:03 AM (IST)
दुधवा पार्क की सुरक्षा में सहयोग कर रही नेपाली पुलिस
दुधवा पार्क की सुरक्षा में सहयोग कर रही नेपाली पुलिस

लखीमपुर: राष्ट्रीय मुद्दों पर भले ही नेपाल, भारत के विरोध में खड़ा नजर आ रहा हो, लेकिन बाढ़ और बारिश के दिनों में चुनौती बन रहे शिकारियों से निपटने के लिए नेपाल का प्रशासन पूरी तरह दुधवा अधिकारियों के साथ है। बेलरायां से लेकर सठियाना रेंज के 60 से 70 किलोमीटर एरिया में तस्करों और शिकारियों पर नकेल कसने के लिए दोनों तरफ से टीमें अलर्ट हो गई हैं। हाल में जिस तरह अंबरगढ़ में पेड़ों के कटान में संलिप्त नेपाली नागरिकों पर वहां की पुलिस ने कार्रवाई की, उससे बेलरायां से लेकर सठियाना तक 60 से 70 किलोमीटर एरिया में वन्यजीवों और जंगल की सुरक्षा और पुख्ता हो रही है।

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मानसून पेट्रोलिग के दौरान हर साल दुधवा अधिकारियों को नेपाल बॉर्डर की चुनौतियों से निपटना पड़ता है। नेपाल से बिगड़ते रिश्तों को देखते हुए बॉर्डर के इस पूरे एरिया को संवेदनशील माना गया है। हालांकि पिछले छह महीने के दौरान बॉर्डर पर 45 से 50 सुरक्षा खाई खोदी गई है। जिससे निकलना आसान नहीं है। वहीं एसएसबी, स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स की संयुक्त टीमों के अलावा पूरे दुधवा पार्क की 46 में 30 टीमें बेलरायां, गौरीफंटा, सठियाना, बनकटी, अंबरगढ़ आदि रेंजों में मानसून पेट्रोलिग कर रही हैं। पिछले महीने खीरी के डीएम शैलेंद्र सिंह के साथ नेपाल के कैलाली जिले के मुख्य विकास अधिकारी के साथ गौरीफंटा में हुई बैठक का सकारात्मक परिणाम निकला है। स्थानीय स्तर पर भारतीय व नेपाली सुरक्षा अधिकारियों के बीच बेहतर तालमेल के कारण भी जंगलों में नेपाली तस्करों व शिकारियों की घुसपैठ पर शिकंजा कसा है। 10 साल में 100 से अधिक वांछित नेपाल के

वन्यजीवों के शिकार और जंगल के बेशकीमती पेड़ काटने के मामले में पिछले 10 साल में 100 से अधिक मुकदमें दर्ज किए गए हैं, जिनके वांछित नेपाल के हैं लेकिन, उनकी गिरफ्तारी नहीं हो पा रही है। नई परिस्थितियों में बेहतर होते सामंजस्य से भारतीय अधिकारियों को सहयोग की उम्मीद बढ़ गई है। जिम्मेदार की सुनिए

दुधवा उपनिदेशक मनोज सोनकर कहते हैं कि मानसून के दौरान नेपाली घुसपैठ का डर रहता है लेकिन, इस बार डीएम शैलेंद्र सिंह के प्रयास और नेपाली पुलिस के साथ सुरक्षा एजेंसियों के बेहतर तालमेल से तस्करों से निपटा जा रहा है। अंबरगढ़ के एक मामले में नेपाली पुलिस का भरपूर सहयोग मिला है।


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