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सैकड़ों बीघे जमीन सहित 12 घर शारदा नदी में समाए

धौरहरा में घाघरा व शारदा नदियां तबाही मचाए हैं। फसलों सहित कृषि योग्य भूमि व ग्रामीणों के आशियाने काटकर आगे बढ़ रही हैं। प्रशासन कटान को कर रहा नजरअंदाज।

By JagranEdited By: Published: Tue, 11 Aug 2020 10:39 PM (IST)Updated: Tue, 11 Aug 2020 10:39 PM (IST)
सैकड़ों बीघे जमीन सहित 12 घर शारदा नदी में समाए
सैकड़ों बीघे जमीन सहित 12 घर शारदा नदी में समाए

लखीमपुर : धौरहरा तहसील क्षेत्र में घाघरा व शारदा नदियां तबाही मचाए हैं। नदियां उफनाकर एक तरफ जहां आबादी को जलमग्न कर रही हैं, वहीं दूसरी तरफ लहलहाती फसलों सहित कृषि योग्य भूमि व ग्रामीणों के आशियाने काटकर आगे बढ़ रही हैं। बाढ़ खंड बचाव के नाम पर खानापूर्ति कर रहा है। जबकि तहसील प्रशासन कटान होने की बात को सिरे से ही नकार रहा है। क्षेत्र के रैनी समदहा में शारदा नदी रौद्र रूप धारण किए हुए है। बीते दो सप्ताह में शारदा नदी ने कटान करते हुए रैनी गांव के श्रवण कुमार, मुलुक राम, राजकिशोर, ललित मोहन, पूनम वर्मा, रमाशंकर वर्मा, कनौजी लाल वर्मा, रामसिंह वर्मा, मौजी लाल श्रीवास्तव, धर्मपाल श्रीवास्तव सहित करीब एक दर्जन घरों को अपने में समाकर आगे बढ़ रही है। पीड़ित अपने खून-पसीने की कमाई से बनाए गए अपने आशियानों को नदी में समाते देख रहे हैं। बचे लोग भी अपने आशियानों को तोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं। कटान कर रही शारदा नदी आबादी के साथ ही कृषि योग्य भूमि को भी फसलों सहित अपने आगोश में ले रही है। रैनी गांव के राम सिंह वर्मा, कमलेश कुमार भार्गव, श्रीप्रकाश शर्मा, राजबहादुर यादव सहित करीब एक दर्जन लोगों की लहलहाती गन्ना-धान की फसलों को काटकर अपने आगोश में ले लिया है। बाढ़ खंड के पूर्व में कटान रोकने को लेकर किए गए काम भी नदी में समा गए हैं। फिर भी बाढ़ खंड बचाव कार्य नहीं करवा रहा है।

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