बैंकों की मनमानी, ऋणमोचन की अब तक 264 शिकायतें
लखीमपुर : प्रदेश में चल रहे कर्ज माफी के मामले में बड़ी संख्या में शिकायतें दर्ज हो रही है
लखीमपुर : प्रदेश में चल रहे कर्ज माफी के मामले में बड़ी संख्या में शिकायतें दर्ज हो रही हैं। पिछले दो दिनों में ही ऑन लाइन 264 शिकायतें दर्ज की गई। 52 आफ लाइन शिकायतें कृषि विभाग को मिल चुकी हैं। सरकार ने 31 मार्च 2016 तक बकाया एक लाख रुपये का फसली ऋण माफ करने की घोषणा की थी। इसमें कई लोगों की कर्ज माफी हुई ही नहीं। कुछ के चंद रुपये ही माफ हुए हैं। जबकि उनके खाते में कर्ज दिख रहा है। मतलब साफ है कि प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों के साथ जो वादा किया और यूपी सरकार ने उसे पूरा किया उसको बैंक के अफसर ही पलीता लगा रहे हैं। जिला कृषि अधिकारी का कहना है कि आने वाली कर्ज माफी की शिकायतों का निस्तारण भी कराया जा रहा है। विकास खंड फूलबेहड़ के ग्राम पकरिया निवासी पुत्तू लाल ने इलाहाबाद यूपी ग्रामीण बैंक मुड़िया खुर्द से कर्ज लिया था। लेकिन कर्ज माफी की सूची में पुत्तू लाल का नाम नहीं है। पुत्तू लाल गुरुवार को विकास भवन स्थित जिला कृषि अधिकारी के कार्यालय पहुंचे और आफ लाइन शिकायत दर्ज कराई। ये हैं गांव वालों की शिकायतें नौव्वाखेड़ा के मुकेश कुमार, विकास खंड बिजुआ के ग्राम गुजारा निवासी रंजीत ¨सह भी ऋण मोचन की कार्रवाई से वंचित हैं। रंजीत ¨सह की शिकायत की मुताबिक उन्होंने 70 हजार रुपया कर्ज लिया था। जिसमें 68 हजार रुपये निकाल लिए। ऋण मोचन में 402 रुपये ही माफ हुए हैं। कृषि विभाग के मुताबिक खातेदार ने 23 मई, 2016 को 68 हजार निकाल लिए थे। मार्च 16 के पहले का ही फसली ऋण माफ हो रहा है। विकास खंड बेहजम के शंकरपुर निवासी अरुण कुमार मिश्र भी ऋण मोचन में मिले लाभ से संतुष्ट नहीं हैं, उनका 65681 रुपये माफ हुआ है। जबकि अभी भी उसके खाते में बकाया दर्ज है। बांकेगंज के रह¨सहपुर निवासी हरिकेश शर्मा ने भी ऋण मोचन को लेकर शिकायत दर्ज कराई है। विकास खंड सदर के ग्राम बेलबूढ़ी निवासी मनोहर लाल ने 114735 रुपये कर्ज लिया था। 31 मार्च 2016 तक कर्ज माफ कर दिया गया। ब्याज सहित 22470 रुपये अभी भी बकाया हैं। शाखा प्रबंधक ने खातेदार से उक्त बकाया रकम जमा कराकर ऋण मोचन प्रमाण-पत्र देने को कहा है। इसी प्रकार ग्राम बेलबूढ़ी निवासी मिथलेश कुमार पर 125945 रुपया कर्ज बकाया था। कर्ज माफी के बाद मय ब्याज 43933 रुपये अभी भी देय बकाया है। किसान ने कर्ज माफी कम होने की शिकायत की थी। इलाहाबाद बैंक फरधान के शाखा प्रबंधक ने बताया कि अवशेष रकम एक लाख कर्ज माफी के बाद मय ब्याज के है जिसे खातेदार को जमा करने पर ही ऋण-मोचन प्रमाण-पत्र मिलेगा।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
एलडीएम एके द्विवेदी का कहना है कि 31 मार्च, 2016 तक बकाया कर्ज ही माफ हुआ है। 31 मार्च 2016 तक लिए गए कर्ज को ही ऋण माफी में शामिल किया गया। किसान गफलत के चलते शिकायतें कर रहे हैं। कर्ज माफी के बाद मूल और ब्याज की रकम जिन खातों में अवशेष है उनके जमा करने पर ही खातेदार को कर्ज माफी का प्रमाण-पत्र दिया जा रहा है।