जनता का कहना वोट उसी को देंगे जो विकास का परचम लहराएगा
शरद मिश्रा निघासन (लखीमपुर) कई चुनावी मुद्दों से भरी पड़ी निघासन विधानसभा विकास की राह क
शरद मिश्रा, निघासन (लखीमपुर): कई चुनावी मुद्दों से भरी पड़ी निघासन विधानसभा विकास की राह को काफी अर्से से ताक रही है। इस विधानसभा का सबसे बड़ा दुर्भाग्य यह है कि यहां के लोगों ने जिसको भी विधायक चुना, उसने सिर्फ खड़ंजों व इंटरलाकिग कार्यों का ही लोकार्पण किया। किसी भी विधायक ने जमीनी हकीकत को जाने बगैर काफी समय से पड़े चुनावी मुद्दों पर पूर्ण विराम लगाने की कोशिश तक नहीं की। जिससे जनता की वाहवाही को पा सकें। जनता का साफ तौर पर कहना है कि वोट उसी को देंगे, जो विकास का परचम लहराएगा। नहीं शुरू हुआ पीएम हाउस:
निघासन में पीएम हाउस होने के बावजूद भी क्षेत्रवासी 60 से 70 किलोमीटर दूरी तय कर जिला मुख्यालय जाने को मजबूर हैं। हालांकि इस पीएम हाउस को शुरू कराने को लेकर न जाने कितनी बार क्षेत्रवासियों ने अपनी आवाज उठाई होगी लेकिन पीएम हाउस नहीं शुरू हुआ। नहीं शुरू हुआ मुंसिफ कोर्ट:
निघासन में मुंसिफ कोर्ट शुरू होने से क्षेत्रवासियों को काफी सहूलियत होगी। लेकिन इस मुंसिफ कोर्ट को शुरू कराने के लिए किसी भी नेता ने कोई पहल नहीं की। अधिवक्ताओं द्वारा समय-समय पर इस मुंसिफ कोर्ट को शुरू कराने की मांग की जाती रही है। पचपेड़ी घाट पुल का बनना:
पचपेड़ी घाट पुल का मुद्दा विधानसभा चुनाव का सबसे अहम मुद्दा है लेकिन ये मुद्दा धीरे-धीरे शांत होता जा रहा है। न जाने कितने विधायक इस मुद्दे पर चुनाव जीतकर चले गए। जिससे इस मुद्दे पर बात करने वाले नेताओं को जनता तवज्जो नहीं देती। हां यदि पचपेड़ी घाट पुल बन जाए तो निघासन क्षेत्रवासियों के लिए बहुत बड़ी सौगात होगी। यह पुल जिला मुख्यालय की दूरी को बहुत ही कम कर देगा। बाढ़ के प्रकोप से किसानों पर आफत:
निघासन क्षेत्र में एक ऐसी भी समस्या है जिसे किसी भी विधायक ने गंभीरता से नहीं लिया। जिसका खामियाजा समय-समय पर किसानों को भुगतना पड़ता है। शारदा नदी की उफान से आने वाली बाढ़ किसानों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचाती है। जिससे किसान अपने जनप्रतिनिधियों को जरूर कोसता है। स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित:
निघासन क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की भी बड़ी समस्या है। जिसको लेकर आज तक किसी भी जनप्रतिनिधि ने गंभीरता नहीं दिखाई। जरा सा भी मरीज सीरियस होता है तो उसे जिला अस्पताल या फिर लखनऊ का ही रास्ता नापना पड़ता है। यदि निघासन क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाएं ठीक हो जाएं तो क्षेत्रवासियों को बड़ी सहूलियत मिलेगी। जर्जर हालत में पड़ा झंडी मार्ग:
झंडी पनवारी मार्ग जरूर है लेकिन, इस मार्ग की हालत आज तक कभी सही हुई ही नहीं। यह मार्ग अदलाबाद बंधा मार्ग होते हुए टहारा के पास होकर जिला मुख्यालय पहुंचाता है। इसे बाईपास भी कहते हैं। इस मार्ग का चौड़ीकरण हो जाए तो क्षेत्रवासियों को काफी सहूलियत मिलेगी।