सामाजिक समरता व सौहार्द को बल दे रहे दीपक
सामाजिक सौहार्द एवं समरसता भारतीय लोकतंत्र की जान हैं।
बाराबंकी : सामाजिक सौहार्द एवं समरसता भारतीय लोकतंत्र की जान हैं। इनको बल प्रदान करने का काम हमारे ही समाज के कुछ लोग निरंतर करते हैं। ऐसे लोगों में एक नाम शहर के व्यापारी दीपक जैन का नाम सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में सबसे आगे आता है। कोरोना काल में भोजन के साथ ही मास्क के विकल्प के रूप में गमछा व स्टाल का वितरण कराने में इनकी सराहनीय भूमिका रही।
कोरोना काल में बिना भेदभाव के बांटे गमछा व स्टाल : लाक डाउन के दौरान जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गमछे को मास्क का विकल्प बताया तो प्रदीन जैन ने अपने अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर गमछे व स्टाल की व्यवस्थ कराई। न सिर्फ स्वयं वितरित किए बल्कि डीएम व एसपी को भी कड़ी संख्या में गमछा प्रदान किए। इन गमछों का वितरण सबसे पहले डीएम ने ओसाम प्रांत के परिवारों को बांटा जो लाक डाउन में असहाय महसूस कर रहे थे।
बाढ़ जिले की सबसे बड़ी समस्या है जो हर साल आती है। बाढ़ से बेघर होने वालों को शुद्ध बोतल बंद पानी, बिस्कुट, लाई के साथ ही कपड़े व अन्य जरूरी वस्तुओं के वितरण में भी दीपक जैन का सहयोग बिना किसी जाति धर्म का भेद किए होता है।
बेसहारा पशुओं के लिए चारा की व्यवस्था : बेसहारा पशुओं के लिए जब पहली बार आश्रय स्थल बनाए गए तो सरकारी फंड की व्यवस्था नहीं थी। तत्कालीन डीएम उदय भानु त्रिपाठी ने लोगों से पशुओं के लिए चारा व धनराशि दान करने की अपील की थी। इस काम में दीपक जैन व उनके परिवार की महिलाओं ने भी अपनी घरेलू बचत की धनराशि देकर अग्रणी भूमिका निभाई। ट्राली में भूसा लदवाकर आश्रय स्थलों पर पहुंचे थे। अन्य लोगों को भी इस नेक कार्य में आगे आने के लिए प्रेरित किया। इन सब कार्यों के लिए दीपक जैन कई बार जिलाधिकारी के हाथों सम्मानित किए जा चुके हैं। सामाजिक कार्यों के लिए इंडियन आयल की ओर से भी इन्हें सम्मानित किया चुका है।