.. तो ऐसे कैसे अप्रैल मे गोला स्टेशन पर दौड़ेगी ट्रेन
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लखीमपुर : रेल महकमे के दिए अनुमानित समय के गुजरने के बावजूद भी महकमा का अप्रैल में गोला स्टेशन पर ट्रेन दौड़ाने का मंसूबा बेमानी साबित हो रहा है। जमीनी हालातों पर नजर डाले तो लखीमपुर से गोला स्टेशन से लेकर मैलानी तक रेल ट्रैक का काम लगभग पूरा हो चुका है। लेकिन इसके बावजूद भी तमाम तकनीकी कामों के साथ स्टेशनों का अधर में लटका निर्माण कार्य महकमे को हंफा रहा है। रेल अधिकारियों की माने तो संभवत: आगामी 13 से 15 के बीच सीतापुर से लखीमपुर के बीच सीआरसी ट्रायल का दावा किया जा रहा है। जिसके बाद महकमे का पूरा फोकस लखीमपुर से गोला, मैलानी तक ताकत झोककर अप्रैल में रेल चलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। लखीमपुर से गोला व मैलानी तक रेल ट्रैक का काम लगभग पूरा किया जा चुका है। जिसपर रेल पटरी पर चलने वाले वाहनों से सामान की ढुलाई का काम पांच से छह किलोमीटर के गति वाहनों से कराया भी जा रहा है, लेकिन धीमी रफ्तार से चल रहे रेलवे स्टेशन के कामों में ओवरब्रिज आधा अधूरा है। वहीं स्टेशन पर पुलिस चौकी के अलावा तमाम यात्री सुविधाओं के कामों व रेलवे के कामकाज के कार्यालयों के निर्माण के नाम पर कुछ भी नहीं बन सका है। रेलवे ट्रेक व स्टेशन के दोनो ओर की सड़के पूरी तरह से अतिक्रमण से जूझ रही है।
129 साल 6 माह तक लोगों को सफर कराने वाली मीटर गेज रेल साल 2016 में 14 अक्टूबर को सीतापुर से मैलानी के बीच छोटी लाइन की रेलगाडी 52243 पैसेंजर अप ने रात्रि 10 बजे गोला स्टेशन से अंतिम विदा ली थी। इसके बाद शुरु हुए ब्राडगेज के आमान परिवर्तन की धीमी रफ्तार निर्माण के तयशुदा वर्ष गुजरने के बावजूद स्टेशन को पुन: रफ्तार में लाने में महकमा पिछड़ रहा है। हालांकि रेल अधिकारियों की माने तो सीतापुर से लखीमपुर के बीच सीआरसी ट्रायल होने के बाद महकमे का पूरा फोकस लखीमपुर से मैलानी पर किया जाएगा। तथा शीघ्र ही तमाम निर्माण कार्य पूरा कर यात्री सुविधाओं को बहाल किए जाने का दावा किया जा रहा है।