उच्च शिक्षा का मुद्दा विधान सभा चुनाव में रहेगा हावी
लगभग 50 हजार है बरबर कस्बे की आबादी।
संवादसूत्र, बरबर (लखीमपुर) : आजादी के 75 वर्ष बाद भी बरबर में कन्या इंटर कालेज और उच्च शिक्षा के लिए एक भी डिग्री कालेज नहीं है। यह मुद्दा पिछले चुनावों में भी रहा है। इस चुनाव में यह ज्यादा हावी इसलिए रहेगा क्योंकि वाकिफ होने के बाद भी इसके लिए प्रयास नहीं किए गए। कस्बे की आबादी लगभग पचास हजार है। शिक्षा के क्षेत्र में लगातार पिछड़ता ही रहा है। यदि पीछे के चुनावी इतिहास पर नजर डालें तो किसी भी दल और प्रत्याशी ने इसकी सुधि नहीं ली। कस्बे के छात्र-छात्राएं जैसे-तैसे हाईस्कूल इंटर की शिक्षा ग्रहण करते हैं। आगे की शिक्षा ग्रहण करने के लिए उन्हें 20 से 30 किमी का सफर करना पड़ता है। संपन्न परिवार तो अपने बच्चों को जैसे-तैसे शिक्षा ग्रहण करा लेते हैं, लेकिन छात्राओं को अनेकों प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इसीलिए छात्राएं हाईस्कूल व इंटर के बाद शिक्षा ग्रहण नहीं कर पाती हैं। इतना ही नहीं नगर में किसी प्रकार का सरकारी हाईस्कूल भी नहीं है। सरकारी विद्यालय के नाम पर मात्र कक्षा आठ तक है। बाकी इंटर तक प्राइवेट स्कूल हैं जिनमें फीस अधिक होने के कारण जरूरतमंद परिवार नहीं पढ़ा पाते हैं। अंग्रेजी शासन काल में यहां एक कन्या पाठशाला हुआ करता था। जो आज खंडहर में तब्दील होकर जुआरियों और शराबियों का अड्डा बन गया है। यहां पर दो मंजिला बनाकर कालेज खोला जा सकता है। कौमी एकता कमेटी के अध्यक्ष मुंशी अब्दुल जलील लंबे समय से कन्या इंटर कालेज और डिग्री कालेज की मांग करते आ रहे हैं।