एसबीआइ में करोड़ों के घोटाले की जांच करेगी सीबीआइ
शहर की मिल रोड स्थित भारतीय स्टेट बैंक में कर्मियों की संलिप्तता से ऋण खाताधारकों के खातों से करोड़ों की धांधली का मामला।
लखीमपुर : शहर की मिल रोड स्थित भारतीय स्टेट बैंक में कर्मियों की संलिप्तता से ऋण खाताधारकों के खातों से करोड़ों रुपये की धांधली का मामला 29 जनवरी 2020 को प्रकाश में आया था। मामले का शासन ने संज्ञान लिया है और मुख्यमंत्री ने जांच सीबीआइ से कराने की संस्तुति की है। इससे पीड़ितों में न्याय की आस जगी है।
ऋण खाताधारकों में आनंद कुमार वर्मा एक करोड़ 34 लाख, अनुज वर्मा 25 लाख, नरेश चंद्र जायसवाल 10 लाख, योगेश कुमार 25 लाख, आशीष पटेल 26 लाख, मलखान सिंह 14 लाख, अतिकुलरहमान 34 लाख, राकेश 32 लाख ने तहरीर दी थी कि भारतीय स्टेट बैंक गोला में ऋण खाताधारकों के खातों से उनकी बिना जानकारी के बैंक कर्मियों द्वारा लगभग तीन करोड़ 50 लाख रुपये निकाल लिए गए। बैंक के ऑडिट के दौरान जब खाताधारकों को बुलाया गया तथा उनसे जानकारी ली गई। पता चला कि उनके खातों से पैसे निकल चुके हैं। ऑडिट के बाद यह रकम करीब सात करोड़ का आंकड़ा पार कई थी। सभी खाताधारकों ने शिकायती पत्र शाखा प्रबंधक को दिया, जिस पर तत्कालीन बैंक अधिकारियों ने कोई त्वरित कार्रवाई नहीं की थी। इनसेट
फील्ड आफीसर को भेजा था जेल मामले के तूल पकड़ने के बाद 30 जनवरी 2020 को भारतीय स्टेट बैंक की शाखा गोला में तैनात फील्ड आफीसर संजीव यादव को कोतवाली पुलिस ने जेल भेजा था। आरोपित के विरुद्ध बैंक शाखा के तत्कालीन कार्यवाहक शाखा प्रबंधक जीडी सिंह ने तहरीर दी थी। मामले में बैंक के उच्चाधिकारियों के निर्देश पर चीफ मैनेजर केएल चौहान ने दस्तावेजों की प्रथम ²ष्टया पड़ताल करते हुए तकरीबन दो करोड़ एक लाख रुपये के गबन की ही पुष्टि की थी। जिम्मेदार की सुनिए स्टेट बैंक आफ इंडिया के मौजूदा शाखा प्रबंधक मनोज जैन ने बताया कि जांच के दौरान गबन राशि सात करोड़ तक पहुंची है लेकिन, इस संबंध में उन्हें कोई विशेष जानकारी नहीं है। इसके लिए संबंधित जांच विभाग अपराध शाखा ही बता सकती है।