घरों में घुसने लगा बाढ़ का पानी
मोहाना नदी के उफनाने से बाढ़ का पानी शनिवार शाम ग्राम नया पिड के घरों में घुसने लगा। पूर्व सूचना तंत्र में शामिल व्यक्ति बाढ़ की संभावना को लेकर सतर्क होंगे।
लखीमपुर : मोहाना नदी के उफनाने से बाढ़ का पानी शनिवार शाम ग्राम नया पिड के घरों में घुसने लगा। जिससे ग्रामीणों में हड़कंप मच गया। ग्रामीणों ने एसडीएम निघासन को फोन कर गिरिजा बैराज के फाटक खुलवाए जाने की मांग की।
मोहाना नदी के नजदीक बसे ग्राम नया पिड में बाढ़ का पानी घुसने से हाहाकार मच गया। बाढ़ का पानी ग्रामीण गुरनाम सिंह, मंगत सिंह, चरणजीत सिंह, गुरनाम कौर सहित कई लोगों के घर में घुसने लगा। घरों में बाढ़ का पानी घुसने के बाद लोग ऊंचे पर शरण लेने लगे हैं। ग्रामीण गुरमीत सिंह ने बताया कि पहाड़ों पर हो रही मूसलधार बारिश के बाद मोहाना नदी का जलस्तर बहुत तेजी से बढ़ रहा है। अगर यही दशा पानी बढ़ने की रही तो पूरा गांव बाढ़ के पानी में डूब जाएगा। मोहाना नदी का पानी गिरिजा बैराज होकर निकलता है, परंतु गिरिजा बैराज के अधिकारी फाटक बंद कर देते हैं। जिससे मोहाना नदी उफान मारने लगती है। उन्होंने एसडीएम निघासन से गिरिजा बैराज के फाटक खुलवाए जाने की मांग की है। एसडीएम निघासन ओम प्रकाश गुप्ता ने बताया कि ग्राम नया पिड के ग्रामीणों के लगातार उनके पास भी फोन आ रहे हैं। वह प्रयास कर रहे हैं कि गिरिजा बैराज के फाटक खुलवा दिए जाएं।
बाढ़ की आशंका के मद्देनजर सूचना तंत्र सक्रिय जीडीएस एवं ऑक्सफेम इंडिया संस्था द्वारा संचालित परियोजना के अंतर्गत शारदा नदी के किनारे बसे बाढ़ प्रभावित ग्रामों के प्रमुख व्यक्तियों का चयन कर क्षेत्र में पूर्व सूचना तंत्र का गठन किया गया है। पूर्व सूचना तंत्र में शामिल व्यक्ति बाढ़ की संभावना को लेकर सतर्क रहते हैं और उसकी पूर्व सूचना देकर लोगों के जीवन व सामग्री की रक्षा करते हैं। बाढ़ का समय 15 जून से 15 सितंबर तक माना जाता है क्योंकि इस समय में वर्षा अत्यधिक होती है जिससे बाढ़ आने का खतरा बना रहता है। इस समय में पूर्व सूचना तंत्र के सदस्य अपने कार्य के प्रति सक्रिय हो गए हैं।
बनबसा बैराज से शारदा नदी के जलस्तर की जानकारी रोजाना प्रत्येक तीन घंटे में प्राप्त कर बनबसा, पीलीभीत, पलिया, निघासन, धौरहरा, ईसानगर के शारदा नदी के किनारे बसे समुदाय तक नियमित रूप से साझा करते हैं। जिससे बाढ़ आने से पूर्व सभी समुदाय के लोगों तक सूचना आसानी से पहुंच सके और बाढ़ के समय होने वाली जानमाल की क्षति को कम किया जा सके। बाढ़ की पूर्व सूचना प्रसारित करने के चार मुख्य माध्यम है जिसमे ऑनलाइन पोर्टल जिसके माध्यम से एक ही साथ में समुदाय के लोगों तक आसानी से सूचना भेज दी जाती है। इसके अलावा वाट्स एप ग्रुप, फोन व व्यक्तिगत संपर्क के माध्यम से लोगों को सूचना दी जाती है।