घाघरा नदी का जलस्तर बढ़ने से कटान शुरू
अचानक घाघरा नदी के जलस्तर बढ़ने के साथ ही किनारों पर कटान तेज होने से बेलागढ़ में ग्रामीणों पर संकट मंडरा रहा है।
लखीमपुर: अचानक घाघरा नदी के जलस्तर बढ़ने के साथ ही किनारों पर कटान तेज होने से बेलागढ़ी के मजरा कुंजापुरवा में रहने वाले लोगों के दिलों की धड़कनें तेज हो गई हैं। एहतियातन ग्रामीणों ने अपने घरों की गृहस्थी समेटना शुरू कर दिया है।
शनिवार को घाघरा नदी का जलस्तर बढ़ने से कटान की शुरुआत हो गई। नदी के किनारे बसे कुंजापुरवा में रह रहे ग्रामीणों के चेहरों पर चिता की लकीरें साफ देखी जा सकती हैं। तेज धार के साथ हो रही कटान को देखते हुए ग्रामीणों ने अपने घरों को उजाड़ना शुरू कर दिया है। गांव के कुन्ना, रामलखन, त्रिलोकी, मुन्ने लाल के घर कटने की कगार पर होने के कारण अपने घरों को उजाड़ना शुरू कर दिया है। सीजन की पहली बाढ़ में ही राजकुमार का आधा घर नदी में कट गया है। साथ ही कटान की जद में कई एकड़ जमीन आ गई है। किसानों के अनुसार उनकी पूरी खेती बह जाने से हजारों रुपये का नुकसान पहले ही हो चुका था। जिससे उनके मन में भय व्याप्त है। हाल के कटान ने बाढ़ खंड द्वारा कटान के बचाव के लिए डाले गए जिओ बैग भी काट लिया है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर समय रहते बचाव के कार्य कर लिए जाते तो ऐसी नौबत न आती। नहर में मिला ग्रामीण का शव ममरी में साइकिल से गन्ने की गुड़ाई करने निकले ग्रामीण का शव संदिग्ध परिस्थितियों नहर में उतराता मिला।
गजियापुर निवासी प्रेमचंद (55) पुत्र बुद्धा सुबह घर से गन्ने की गुड़ाई करने मठेई लेकर साइकिल से खेत पर गया था। दोपहर के समय घर नहीं पहुंचा। जिसपर परेशान परिवारजन ने उसकी तलाश शुरू की। इस दौरान करीब दो किमी आगे ग्राम कुइयांडीह के पास सीतापुर नहर ब्रांच में उसका शव उतराता मिला। उसके नहर में गिरकर डूबने की आशंका व्यक्त की जा रही है।