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गोमती, सरयू, जौरहा नदी उफनाई, जंगल व खेतों में घुसा पानी

जिले में बाढ़ का खतरा अभी भी मंडरा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 Oct 2021 09:42 PM (IST)Updated: Sun, 24 Oct 2021 09:42 PM (IST)
गोमती, सरयू, जौरहा नदी उफनाई, जंगल व खेतों में घुसा पानी
गोमती, सरयू, जौरहा नदी उफनाई, जंगल व खेतों में घुसा पानी

लखीमपुर : जिले में बाढ़ का खतरा अभी भी मंडरा रहा है। मोहम्मदी की गोमती, निघासन क्षेत्र की सरयू व जौरहा नदी उफनाने लगी है। इससे सैंकड़ों गांवों के जलमग्न होने का खतरा बढ़ गया है। हालात ये है कि अभी से जंगल व खेतों में बाढ़ का पानी भरने लगा है।

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मोहम्मदी क्षेत्र में कई वर्षों बाद गोमती के उफनाने से चारों ओर पानी भर गया। वहीं मियांपुर रविद्र नगर स्थित गोशाला जाने वाले मार्ग और गोशाला के चारों ओर पानी भरने से जानवरों के समक्ष चारे पानी का संकट भी खड़ा हो गया है। ग्राम प्रधान मिथुन ढाली ने अपने प्रयासों से नाव के सहारे गोशाला तक पहुंचे और जानवरों के लिए चारे पानी का इंतजाम किया। पिछले कई वर्षों से गोमती जल के लिए तरस रही थी। अंधाधुंध जल का दोहन गोमती की धार तक अतिक्रमण कर खेती करने के चलते गोमती में पानी का अभाव हो गया था। अब गोमती में इतना पानी आ गया है कि नदी ने ओवर फ्लो होकर आसपास के एक डेढ़ किलोमीटर इलाके को अपने आगोश में ले लिया। इमलिया घाट के पास राजकीय गोशाला चारों तरफ से पानी से घिर गई। गोमती में इतना पानी देखकर नुकसान के बावजूद लोगों में खुशी है।

निघासन क्षेत्र में उफनाई सरयू नदी का पानी लगातार बढ़ता जा रहा है। सरयू के उफान से किसानों की चिता बढ़ा दी है तो वहीं गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। नदी के लगातार बढ़ रहे जलस्तर को देखते हुए पास के गावों से पलायन तेज हो गया है और लोग परिवारजन को लेकर सुरक्षित स्थानों को जाने लगे हैं। जौरहा नदी के साथ बाढ़ का भी पानी सरयू नदी में गिरने से तराई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। सरयू अपना रौद्र रूप दिखाने को बेताब दिखाई दे रही है। इससे रंगईपुरवा, बजरंगगढ़ व ढखेरवा खालसा आदि गांवों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। यहां के निवासी सोनू पांडेय ने बताया कि जौरहा नदी का पानी सरयू नदी में गिरने से जलस्तर बढ़ा है, लेकिन उसका पानी अभी गांवों तक नहीं पहुंचा है।

बेलरायां क्षेत्र में जौरहा नदी के जलस्तर में हुई अचानक बढ़ोत्तरी रविवार को भी जारी रही। पल-पल हो बढ़ रहे जलस्तर से नदी ने रौद्र रूप धारण कर लिया है। नदी के रूख में अचानक हुए अप्रत्याशित परिवर्तन के कारण तटीय इलाके में रहने वाले ग्रामीणों के होश उड़ गए हैं। मोतीपुर का भौका गांव पहले ही टापू बन चुका है। अब मोतीपुर गांव का आंशिक भाग भी बाढ़ की चपेट में आ गया है। सैकड़ों एकड़ कृषि योग्य भूमि और फसलें जलमग्न हो गई हैं। धान की फसल पूरी तरह से नष्ट हो चुकी है। नदी का पानी मोतीपुर गांव के समीप बेलराया-पनवारी राजमार्ग के समानांतर चलने लगा है। रविवार को मोतीपुर गांव के प्रधानपति कुलदीप सिंह, भाजपा नेता हरीश पटेल, हल्का लेखपाल अंशुल श्रीवास्तव व अन्य राजस्व कर्मी ट्रैक्टर से मोतीपुर के भौका गांव पहुंचे। मोतीपुर गांव के निचले हिस्से में अत्याधिक जलभराव होने के कारण फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है।


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