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बाढ़ में फंसे 21 श्रमिकों को प्रशासन ने निकाला सुरक्षित

कोतवाली तिकुनिया के बरसोला कलां निवासी 21 श्रमिक मंगलवार को ग्राम बंदरिया स्थित खेतों में मजदूरी के लिए गए थे बाढ़ आने के कारण नदियों के बीच फंस गए।

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Oct 2021 10:38 PM (IST)Updated: Wed, 20 Oct 2021 10:38 PM (IST)
बाढ़ में फंसे 21 श्रमिकों को प्रशासन ने निकाला सुरक्षित
बाढ़ में फंसे 21 श्रमिकों को प्रशासन ने निकाला सुरक्षित

लखीमपुर : कोतवाली तिकुनिया के बरसोला कलां निवासी 21 श्रमिक मंगलवार को ग्राम बंदरिया स्थित खेतों में मजदूरी के लिए गए हुए थे जो कि अचानक बाढ़ आने के कारण नदियों के बीच फंस गए। मोहना व कर्नाली नदियों का एक साथ पानी आने के कारण बाढ़ ने चारों तरफ भारी तबाही मचाई। नदियों के बीच फंसे श्रमिकों ने जैसे-तैसे इसकी सूचना लोगों तक पहुंचाई। जिसकी सूचना बुधवार को देर शाम प्रशासन को भी लगी तो हड़कंप मच गया। तहसील प्रशासन ने नाव द्वारा रेस्क्यू आपरेशन चलाकर बरसोला कला निवासी कामता, मुंशी, रविद्र, सूनील, राम, किशन, राधा, गुड्डी, फोकटिया सहित 21 श्रमिकों को सुरक्षित उनके घर पर पहुंचा दिया। ग्राम प्रधान पति मो. मियां ने बताया कि बाढ़ का पानी बहुत अधिक हो जाने के कारण सभी 21 श्रमिक बाढ़ के पानी से घिर गए थे। चारों तरफ पानी ही पानी हो जाने के चलते धान काटने गए श्रमिकों को कुछ नहीं सूझ पाया था। जब उनके फंसने की सूचना लगी तो प्रशासन के साथ मिलकर सभी लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया। बीती रात दोनों नदियों के बीच 21 श्रमिकों ने गुजारी रात। रेस्क्यू ऑपरेशन में स्टीमर चालक कतील व रामू, सद्दाम का विशेष योगदान रहा।

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शारदा नदी में फंसे समर्दा के 25 लोग, सीओ ने कराया रेस्क्यू शारदा नदी में आई भारी बाढ़ के चलते समर्दा बदाल गांव के 25 लोग नदी के बीच फंस गए। ग्राम प्रधान तौफीक अली की सूचना पर सीओ धौरहरा टीएन दुबे मौके पर पहुंचे। राजस्व विभाग के लोग भी जुटे। नाव के जरिये इन लोगों को किनारे लाया गया। समर्दा बदाल में नदी के बीच एक टापू बना है। गांव के लोग वहां खेती और मवेशी पालन करते हैं। गांव के राकेश, सुशील, सोनेलाल, शत्रोहन, दिनेश, मीरा, रामदेवी, संतोष, सोनेश्री, किरन और संदेश ने इसी टापू पर झोपड़ी डाल रखी है और यहीं रहते थे। मंगलवार को जब नदी में पानी बढ़ा तो फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए समर्दा से गजराज, जंगी, जगतराम, रमाकांत, रामचंद्र, अवधेश, पलटू, पवन, बुधराम, सिकंदर, बाबूराम, अनूप, अंकित और नीरज नाव लेकर यहां गए थे लेकिन, शाम तक नदी का पानी इतना चढ़ गया कि यह सब वहीं फंस गए। सीओ के मुताबिक सभी को सुरक्षित निकाल लिया गया है।


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