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बाढ़ के पानी में डूबा नया पिड गांव, 80 घर प्रभावित

मोहाना नदी की बाढ़ का पानी ग्राम नया पिड में भर गया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Oct 2021 10:30 PM (IST)Updated: Tue, 19 Oct 2021 10:31 PM (IST)
बाढ़ के पानी में डूबा नया पिड गांव, 80 घर प्रभावित
बाढ़ के पानी में डूबा नया पिड गांव, 80 घर प्रभावित

लखीमपुर : मोहाना नदी की बाढ़ का पानी ग्राम नया पिड में भर गया। करीब गांव में बसे करीब 80 घर बाढ़ के पानी में पूरी तरह डूब गए। लोग ऊंचे पर शरण लेने के लिए पलायन करने को विवश है।

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पहाड़ों पर हो रही लगातार मूसलाधार बारिश के बाद मोहाना नदी के पानी ने बाढ़ का रूप ले लिया। मोहाना नदी के करीब बसे तिकुनिया के ग्राम नया पिड में देखते-देखते बाढ़ का पानी भर गया। करीब 80 घर पूरी तरह से बाढ़ के पानी में डूब गए। लोग ऊंचे पर शरण लेने को पलायन करने के लिए विवश हैं। बाढ़ के पानी में घर डूबने से लोगों के आगे रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। ग्रामीण गुरमीत सिंह ने बताया कि उनकी फसलें पहले से ही चौपट हो चुकी हैं अब उनके घर भी बाढ़ के पानी में डूब गए हैं। उनके आगे परिवार का पालन पोषण करने की समस्या खड़ी हो गई है। ग्राम नया पिड गांव के लोग पहले से ही मोहाना नदी की चोट खाए हुए हैं। हर वर्ष मोहाना नदी इस गांव के लोगों को तबाह करती हुई आ रही है। ग्राम प्रधान प्रगट सिंह ने बताया कि बाढ़ के पानी में डूबे ग्रामीणों को ऊंचे पर पहुंचाने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। साथ ही लोगों को खैरटिया के गुरु नानक स्कूल में शरण लेने को कहा गया है। इधर बाढ़ का पानी तेजी से बढ़ रहा है। जिससे ग्राम रननगर, इंद्रनगर, गंगानगर आदि गांव पर भी बाढ़ का संकट मंडराने लगा है।

पलियाकलां: पहाड़ों पर लगातार दो दिन से हो रही बारिश से नदियां उफान पर आ गई हैं। शारदा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से एक मीटर से भी अधिक ऊपर पहुंच गया है। बनबसा बैराज से करीब साढ़े पांच लाख क्यूसिक पानी छोड़े जाने से क्षेत्र में बाढ़ की हालत और खराब होने के आसार पैदा हो गए हैं। बैराज से रिलीज पानी धीरे-धीरे कर यहां पर पहुंचने लगा है। नदी का पानी बढने से नगला रोड व भीरा रोड पर शारदा पुल के पास बाढ़ का पानी सड़क पर बह रहा है। इधर बाढ़ को लेकर स्थानीय प्रशासन सतर्क हो गया है। सभी बाढ़ चौकियों व केंद्रों को एक्टिवेट कर दिया गया है। तहसील में बना कंट्रोल रूम को भी चालू कर दिया गया है। इसके अलावा नदी के पास स्थित गांवों में मुनादी कराकर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कह दिया गया है। एसडीएम डा. अमरेश कुमार ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देश के बाद सतर्कता बरती जा रही है। नदी के किनारे बसे गांवों में मुनादी कराकर लोगों को वहां से हटने के लिए कह दिया गया है। ग्राम श्रीनगर, अतरिया, नगला, समेत जंगल नंबर पांच, छह व सात तथा आजाद नगर व बर्बाद नगर, गोविदनगर समेत करीब दर्जनभर गांवों के लोगों को सचेत कर दिया गया है। आजाद नगर व बर्बाद नगर में रह रहे परिवारों को वहां से हटाकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है। उन्होंने बताया कि सभी लेखपालों, कोटेदारों व प्रधानों को सतर्क कर बाढ़ से प्रभावित होने वाले गांवों में तैनात कर दिया गया है। एसडीएम ने बताया कि बाढ़ से कोई जनहानि न हो इसके लिए पूरी कोशिश की जा रही है। उन्होंने बताया कि बाढ़ का पानी 24 से 48 घंटे रहेगा इसके बाद पानी कम होने की संभावना है। लोगों से सतर्क रहने और कोई दिक्कत होने पर संपर्क करने को कहा है।

निघासन: एसडीएम निघासन ओपी गुप्ता ने उच्चाधिकारियों के निर्देशानुसार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया व उन्हें सतर्क कर दिया कि भारी बारिश के चलते बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। एसडीएम निघासन मंझरी, ग्रेट नंबर 12 आदि गांवों में जाकर ग्रामीणों को अलर्ट किया व बाढ़ प्रभावित गांवों में डुग्गी भी पिटवाई गई जिससे लोग सतर्क हो जाएं। कई सालों का डूडा रिकार्ड

पलियाकलां: शारदा नदी में वर्ष 2013 में एक साथ 5.44 लाख क्यूसिक पानी रिलीज किया गया था। तबसे आज तक कभी भी इतना अधिक पानी एक साथ नहीं छोड़ा गया था। मंगलवार को बनबसा बैराज से 5.47 लाख क्यूसिक पानी रिलीज किया जा रहा है जिससे क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति काफी खराब होने वाली बन गई है। 2008 में आई थी सबसे अधिक बाढ़

पलियाकलां: पलिया में सबसे अधिक बाढ़ वर्ष 2008 में आई थी। उससे पहले न तो कभी इतनी बाढ़ आई थी और न ही उसके बाद कभी उतनी अधिक बाढ़ आई। 2008 में पलिया कस्बे में भी तीन से चार फिट पानी भर गया था। लोगों की समझ में ही नहीं आ रहा था कि यह क्या हो रहा है। उस समय शारदा और सुहेली नदी का पानी एक साथ मिल गया था जिसके दबाव में सुहेली के पानी ने कहर बरपाया था। सड़क कटने के साथ रेल लाइन भी कट गई थी और कई महीने तक रेल सेवा बाधित रही थी।


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