मोहाना की भेंट चढ़ा विधवा लक्ष्मीना का घर
तिकुनिया के ग्राम रननगर इंद्रनगर व गंगानगर में मोहाना नदी की कटान रूपी तबाही से हाहाकार मचा हुआ है।
लखीमपुर: तिकुनिया के ग्राम रननगर, इंद्रनगर व गंगानगर में मोहाना नदी की कटान रूपी तबाही से हाहाकार मचा हुआ है। बुधवार को रननगर पुरविया बस्ती निवासी विधवा लक्ष्मीना का घर मोहाना नदी में समा जाने से परिवार में मातम छा गया है।
इसी गांव के निवासी दयाराम, नौलखा, शिवराम, पूरन सिंह सहित तमाम लोगों के घर मोहाना नदी की भेंट चढ़ चुके हैं। करीब पचास घर मोहाना नदी के निशाने पर हैं। कटान के भय से इन परिवारों में हाहाकार मचा हुआ है। इसी प्रकार ग्राम गंगानगर व इंद्रनगर में भी कटान से हाहाकार मचा हुआ है। घर के साथ खेत भी नदी में समा जाने से लोगों के आगे रोजी-रोटी का संकट बन गया है। ग्राम प्रधान पति चरणजीत सिंह ने बताया कि मोहाना नदी लगातार घर व खेत लीलती जा रही है लेकिन, कहीं पर भी राहत नहीं मिल पा रही है। सिचाई विभाग द्वारा किए गए बचाव कार्य कारगर साबित न होने से लोगों में मायूसी बनी हुई है। कटान पीड़ित लगातार प्रशासन से ठोस और मजबूत बचाव कार्य शुरू कराने की मांग करता आ रहा है।
एसडीएम निघासन ने बताया कि कटान रूपी तबाही की जानकारी उन्होंने डीएम को दे दी है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह सब काम सिचाई विभाग का है उन्हें ही यह सब देखना है जिसके लिए वह सिचाई विभाग को लिख चुके हैं।
निवाला तो छिन गया अब आशियाना उजड़ने का सता रहा डर शारदा नदी कई सालों से क्षेत्र में तबाही मचा रही है और ग्रामीण अपनी तबाही का मंजर देखते आ रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से पहाड़ों पर हो रही बारिश के कारण शारदा नदी उफना गई है। नदी का जलस्तर बढने से क्षेत्र के कई गांवों में पानी भर गया है। गांव चकपुरवा, बेलहा सिकटिहा, हजूरपुरवा समेत कई गांवों में शारदा नदी का पानी भर गया है। लोग घरों की छतों का सहारा ले रहे हैं। घरों में पानी भर जाने से जरूरतमंदों के चूल्हे तक नहीं जल पा रहे हैं इसके चलते खाने की दिक्कत आ गई है। पानी में रहने से संक्रमण व जलीय जीव जंतुओं का खतरा हर समय बना रहता है। घरों में बाढ़ का पानी इतना अधिक भर गया है कि यहां के वासियों को ऊंचे स्थानों पर शरण लेनी पड़ी है। गांव बेलहा सिकटिहा, बेचेपुरवा, चकपुरवा और नयापुरवा दोबारा बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। यहां के ग्रामीण अपनी छतों पर चारपाई व सामान रखकर समय काट रहे हैं। गांव निवासी सुनील यादव ने बताया कि बाढ़ का बहुत अधिक पानी आ गया है। गांव के लगभग सभी घरों में पानी भर गया है। कोई सरकारी अधिकारी हम लोगों को देखने तक नहीं आया है। शारदा नदी में पानी छोड़े जाने से नदी उफान पर पहुंच गई है। तेजी से बढ़ रहे जलस्तर के कारण नदी किनारे के बसे गांवों के लोगों में भय है। घरों में पानी भरने से लोगों ने अपना सामान समेट कर बाहर निकलने के प्रयास में हैं। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी सैकड़ों एकड़ जमीन शारदा नदी अब तक निगल चुकी है और किसान पूरी तरह से भुखमरी के कगार पर पहुंच गया है। ग्रामीणों का कहना है कि जमीन तो चली गई लेकिन, अब आशियाने पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं।