किसानों ने ट्विटर को बनाया अपनी लड़ाई का हथियार
रामराज्य की परिकल्पना को साकार करना है तो किसानों को खुदकुशी से होगा बचाना
लखीमपुर: किसानों के संपूर्ण कर्जा मुक्ति व फसलों की लागत के डेढ़ गुना दाम का कानून बनाने की मांग को लेकर ट्विटर के माध्यम से किसानों का अभियान चला। कोरोना संक्रमण की वजह से किसान कानून का पालन कर रहे हैं और सुरक्षा भी अत्यावश्यक है।
राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सरदार वीएम सिंह के नेतृत्व में किसानों ने सोशल मीडिया ट्विटर को अपना हथियार बनाया है। पूरे देश के किसान ट्विटर पर ट्वीट कर सरकार से कर्जा मुक्ति और लागत के डेढ़ गुना दाम देने का कानून बनाने की मांग कर रहे हैं। वर्तमान समय में दैवीय आपदाओं में किसान काफी प्रभावित हुए। कोरोनावायरस संक्रमण में भी परिश्रम करते रहे समस्त देश को खिलाने का काम किया और भंडारण भी भरा ।बकाया गन्ना भुगतान न मिलने के कारण किसानों पर कर्ज और बढ़ गया। लखीमपुर जिले में उत्तरी क्षेत्र शारदा घाघरा नदियों से बाढ़ की चपेट में किसानों की फसलें चौपट हो गई। दक्षिणी क्षेत्र में कम वर्षा होने के कारण किसानों को महंगा डीजल खरीदना पड़ रहा है। जिससे किसानों की लागत और बढ़ गई है। कर्ज देने वाली बैंके अपना पैसा मांग रही हैं। किसानों ने अपनी महिलाओं के आभूषण सोनारों के पास डाल दिया। साहूकारों से भी महंगे ब्याज पर लोन लिया। बैंकों में तो किसानों की सभी जमीने बंधक हैं। कोर्ट के आदेश के बाद भी ब्याज सहित गन्ने का भुगतान सरकार अब तक नहीं करा सकी। किसानों की पूरी पूंजी गन्ने में लागत के रूप में लग गई। लागत सहित पूरा पैसा चीनी मिल दबाए बैठे हुए हैं। ऐसी स्थिति में देश में किसान आत्महत्या की तरफ बढ़ रहे हैं। आत्महत्याओं के आंकड़े दिन प्रति दिन बढ़ते जा रहे हैं। ऐसी स्थिति में आइटी सेल राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन जिला अध्यक्ष अंजनी दीक्षित की आइटी सेल की टीम जिले के किसानों की समस्याएं देश के किसानों के कर्जा मुक्ति अभियान में भागीदारी करेगी।