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निघासन में वर्षो से खड़ी है पेयजल की समस्या, किसी ने नहीं दिया ध्यान

हाल चाल पूछने वालों कि बढ़ती संख्या से दूरदराज के

By JagranEdited By: Published: Mon, 01 Mar 2021 10:34 PM (IST)Updated: Mon, 01 Mar 2021 10:34 PM (IST)
निघासन में वर्षो से खड़ी है पेयजल की समस्या, किसी ने नहीं दिया ध्यान
निघासन में वर्षो से खड़ी है पेयजल की समस्या, किसी ने नहीं दिया ध्यान

लखीमपुर : हाल चाल पूछने वालों कि बढ़ती संख्या से दूरदराज के गांवों तक भी पंचायत चुनाव की आहट पहुंच चुकी है। कभी न दिखने वाले चेहरों की गांवों की ऊबड़-खाबड़ गालियों में हो रही आमद ने क्षेत्र के लोगों को पंचायतों में हुए विकास कार्यों पर चर्चा करने को विवश कर दिया है।

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चुनावी दौर शुरू होते ही सुबह-शाम गांवों में चौपालें लगने लगी हैं। चर्चाओं में बीते कार्यकाल में हुए विकास कार्यों से लेकर दुआ-बंदगी करने वाले लोगों की कार्यशैली की समीक्षा भी हो रही है। निघासन ब्लॉक की सबसे बड़ी समस्या पीने के पानी की है, जिसे हर कोई बिना गुरेज के बता रहा है। बीते समय में इस बड़ी समस्या का समाधान न हो पाने के चलते लोग यह बताते हैं कि इसकी तरफ किसी ने ध्यान नहीं दिया। इसके चलते समाधान नहीं हो सका। क्षेत्र में हैंडपंपों की हालत खराब

ब्लॉक क्षेत्र निघासन में पीने के पानी के लिए गांवों में लगाए गए इंडिया मार्का हैंडपंपों की हालत बहुत ही दयनीय है। क्षेत्र में लगे अधिकतर हैंडपंप खुद ही वर्षों से प्यासे हैं, जो समय से मरम्मत न हो पाने के कारण बंद पड़े हैं। कहीं हैंडपंप में वाल नहीं है, तो कहीं हत्था गायब है। फर्श व नाली टूटी होने की वजह से पानी बोरिग में वापसी जा रहा है। यहीं नहीं कुछ हैंडपंपों को अतिक्रमणकारियों ने बंद कर दिया है। ब्लॉक के क्षेत्रफल से गुजरी छोटी-बड़ी छह नदियों की तराई में बसी बेलहा, अदलाबाद, खमरिया, मूड़ा, रननगर, गंगानगर, खैरटिया आदि पंचायतों में काफी दिक्कतें हैं, जहां लोग आर्सेनिक युक्त पानी पीने को मजबूर हैं। चौगुर्जी के लोगों का कहना है कि वह मोहाना नदी पार कर मतदान करने आते है लेकिन, उन्हें किसी सुविधा का लाभ नहीं मिल पाता है। उनका गांव नदी के किनारे होने के कारण बाढ़ से प्रभावित हो जाता है। बोले मतदाता

पहली बार मतदान का अवसर पाने वाली फरेंदा कड़िया की निवासी अनुपमा देवी का कहना कि यह मौका वह खोने नहीं देंगी। मतदान करके गांव के प्रथम नागरिक के चयन में भागीदारी कर विकास कराने वाले जिम्मेदार को प्रधान पद सौपेंगी।

बेलहा निवासी श्रवण कुमार ने बताया कि उनके गांव में तकरीबन शत प्रतिशत हैंडपंप बंद हैं और पानी की सप्लाई के लिए टंकी की भी व्यवस्था नहीं है। नलों से निकलने वाला पानी पीला व मटमैला होता है। बरसात में नलों से बालू आने लगती है लेकिन, कोई दूसरा रास्ता न होने से पीना पड़ता है।

लुधौरी निवासी अनुराग दत्त मिश्रा कहते हैं कि गांव में लगे हैंडपंप बेकार पड़े हैं। गांव में पानी की सप्लाई तो आती है, पर उसके आने का समय निर्धारित है। उसके बाद पानी की जरूरत होने पर घरों में लगे नलों का पानी प्रयोग में लिया जाता है, जोकि हाल ही में हुई जांच में आर्सेनिक युक्त पाया गया था और टीम ने पीने से मना करते हुए लाल पेंट से चिन्ह लगा दिए थे।

पहली बार मतदान करने को लेकर उत्साहित तिकुनिया निवासी दिया जैन ने बताया कि कस्बे में लगे ज्यादातर हैंडपंप बंद हैं। लोगो को पीने के पानी के लिए काफी समस्या का सामना करना पड़ता है। यह भी बताया कि उनका पहला वोट उसी को जाएगा जो गांव की समस्याओं का समाधान करने साथ ही लोगों की मूल जरूरतों पर ध्यान देने योग्य हो।

फैक्ट फाइल

कुल ग्राम पंचायतें-65

क्षेत्र पंचायत सदस्य-147

मतदेय स्थल-348

कुल आबादी-387385

ब्लॉक के मतदाता-319015

शौचालय लाभार्थी-7695

आवास लाभार्थी-4523

अति संवेदनशील पोलिग बूथ -26


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