देवी मंदिरों में पूजा के बाद दसई का शुभारंभ
नेपाली सेना व सशस्त्र पुलिस बल ने देवी मंदिरों में पूजा अर्चना की और इसके साथ ही दसई का शुभारंभ हुआ।
लखीमपुर : नेपाली सेना व सशस्त्र पुलिस बल ने देवी मंदिरों में पूजा अर्चना की और इसके साथ ही दसई पर्व की शुरुआत हो गई। धनगढी़ के नैना देवी, बन देवी मंदिर में इस बार सेना व सशस्त्र पुलिस बल ने परंपरा के अनुसार बकरों की बलि नहीं दी।
हिमालय की तलहटी में बसा विश्व का एक मात्र राष्ट्र नेपाल जो हमेशा से स्वतंत्र रहा हैं, दशहरा (दसई) का पर्व यहां का सबसे बड़ा त्योहार माना जाता हैं। शारदीय नवरात्रि के प्रथम दिन देवी मठ व मंदिरों, घरों में घट स्थापना कर सुबह-शाम आदि शक्ति की विधि विधान से दस दिनों तक पूजा अर्चना की जाती हैं। इस बार कोविड़ 19 के चलते सरकार ने भीड़ भाड़ को देखते हुए मंदिरों में पूजा-पाठ पर रोक लगा रखी है। शुक्रवार को अपनी पुरानी परंपरा का निर्वहन करते हुए सातवें दिन नेपाली सेना, सशस्त्र सीमा बल ने देवी मंदिरों में सबसे पहले पूजा पाठ कर दसई की शुरुआत कर दी है लेकिन, इस बार देवी मंदिरों में सेना ने बलि प्रथा की भेंट नहीं दी है। उसकी जगह धर्म, संस्कृति व परंपरा को बढ़ावा देते हुए सेना, सशस्त्र पुलिस बल ने सांकेतिक रूप से परंपरा का निर्वहन किया।