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लोगों के पास थर्मामीटर नहीं, साहब रजिस्टर में लिख रहे 'ओके '

कोरोना संक्रमितों का हालचाल लेने के लिए डीएम की पहल पर कलक्ट्रेट व तहसील के क

By JagranEdited By: Published: Fri, 07 May 2021 10:02 PM (IST)Updated: Fri, 07 May 2021 10:02 PM (IST)
लोगों के पास थर्मामीटर नहीं, साहब रजिस्टर में लिख रहे 'ओके '
लोगों के पास थर्मामीटर नहीं, साहब रजिस्टर में लिख रहे 'ओके '

लखीमपुर: कोरोना संक्रमितों का हालचाल लेने के लिए डीएम की पहल पर कलक्ट्रेट व तहसील के कर्मचारी जुड़े हैं। यह कर्मचारी रोज करीब 50 लोगों को फोन करके हालचाल ले रहे हैं। दावा है कि उनका रोज का डिटेल रजिस्टर में दर्ज किया जाता है, लेकिन सवाल यह उठता है कि जब लोगों के पास थर्मामीटर नहीं है तो बुखार कितना है यह कैसे बताएं। पल्स आक्सीमीटर नहीं है तो कैसे बताएं कि आक्सीजन की मात्रा क्या है। खास बात यह है कि जिनके पास पैसा है, उनको भी बाजार से उपकरण नहीं मिल रहे हैं। एक आक्सीमीटर जो एक हजार से 1200 रुपये में मिल रहा था। वह पहली बात तो मिल नहीं रहा है, अगर चोरी छिपे ब्लैक में मिला तो तीन से चार हजार में। गढ़ी रोड निवासी एक पुरुषोत्तम अवस्थी ने बताया कि उन्होंने मजबूरी में बड़े जुगाड़ से 4800 रुपये का आक्सीमीटर खरीदा है। आरोग्य बंधु जब कोविड संक्रमितों को फोन करते हैं तो इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं। वह भी क्या करें। मजबूरी में मरीजों को आश्वासन की घुट्टी दे रहे हैं। उनसे पूछते हैं कि सांस लेने में कोई दिक्कत, सांस फूलती है या नहीं अगर सांस फूलती है तो डाक्टर से सम्पर्क कराएंगे। अगर नहीं फूल रही है तो आक्सीजन लेबल ठीक है और मरीज का डिटेल ओके लिख दिया जाता है। रोज ढाई हजार संक्रमितों से कर्मचारी बात करते हैं। जिसमें यह बातें सामने आ रही हैं। 90 फीसदी से ज्यादा संक्रमितों के पास बुखार नापने को थर्मामीटर, आक्सीजन लेबल नापने को आक्सीमीटर ही नहीं है। ऐसे में किस तरह से बुखार व आक्सीजन का लेबल बताएं। सबकुछ सिर्फ आश्वासन, झप्पी देकर काम चलाया जा रहा है। हैरानी की बात तो ये है कि ग्रामीण इलाकों में संक्रमितों से संपर्क भी नहीं साधा जा रहा। संपूर्णानगर के ऋतुराज सिंह कहते हैं कि छह दिन से वह पॉजिटिव हैं। उन्हें सिर्फ एक वाट्सएप ग्रुप से जोड़ दिया गया है। कोई दवाई भी नहीं दी गई है। वह खुद प्राइवेट चिकित्सक से परामर्श लेकर बाजार से दवा ले रहे हैं। खास बात यह है कि कोविड ग्रुप पर परामर्श के लिए मैसेज डालने पर भी उसका उत्तर नहीं दिया जाता। इधर, इंचार्ज ऑपरेशन कोविड विजय 2021 सुधीर सोनी बताते हैं कि आरोग्य बंधु रोज 50-50 संक्रमितों को फोन कर हालचाल लेते हैं। क्रिटिकल मामले में डाक्टर से बात कराई जाती है। हां, यह सही है कि ज्यादातर संक्रमितों के पास आक्सीमीटर व थर्मामीटर न मिलने की बात सामने आती है, लेकिन बातचीत के दौरान पता लग जाता है कि मरीज की कंडीशन कैसी है। उसी के अनुसार डाक्टरों से परामर्श दिलाया जाता है।

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