धौरहरा में जमातियों ने बड़ी आबादी को खतरे में डाला
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धौरहरा (लखीमपुर) : दिल्ली के निजामुद्दीन से निकले तबलीगी जमातियों ने धौरहरा कस्बा और आसपास की बड़ी आबादी को खतरे में डाल दिया है। अपनी जाहिलियत के चलते कोरोना कैरियर बनकर घूमे इन जमातियों ने पलक झपकते ही कोरोना वारियर्स की अब तक की मेहनत पर पानी फेर दिया।
धौरहरा इलाके में जमातियों का आना यहां के लोगों के लिए नई बात नहीं है। सालों से ये लोग आते-जाते, घूमते रहे हैं। ग्रामीण इन्हें धर्म प्रचारक के नाते सम्मान की नजर से देखते थे। अब यही जमाती खौफ का दूसरा नाम बन चुके हैं। इनकी करतूत ने एक पूरी कौम को शक के कटघरे में खड़ा कर दिया है। कस्बा धौरहरा के अलावा ग्रामीण क्षेत्र में लालापुरवा, फत्तेपुर, बिजहा, भटपुरवा, नज्जापुरवा, सुजइकुण्डा, मंगरौली, महाराजनगर, शेखनपुरवा, लहबड़ी, बांछेपारा आदि गांव तबलीगी जमातियों के बड़े अड्डे हैं। यहां मरकज की तमाम मस्जिदें और मदरसे तबलीगी जमात के पैसे से बने और चल रहे हैं। धौरहरा में मिले संक्रमित जमातियों के इन गांवों में आने और मंगरौली गांव में रुकने की भी सूचना है। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों से भी कोरोना संक्रमित मरीज मिलने की संभावना नकारी नहीं जा रही।
एसडीएम सुनंदू सुधाकरन का कहना है कि डोर टू डोर सर्च किया जा रहा है। इलाके में एक-एक मस्जिद और मदरसे खंगाले जा रहे हैं और उन्हें सैनिटाइज भी कराया जा रहा है। बाहरी लोगों का प्रवेश रोका गया है। ऐसे लोग जो संक्रमित हैं अथवा जमातियों के संपर्क में आए हैं वह खुद ही सामने आ जाएं जिससे वायरस को रोकने में मदद मिले।