संचारी रोगों से जनता बेहाल, स्वास्थ्य सेवाएं वेंटिलेटर पर
धौरहरा क्षेत्र में संचारी रोगों का प्रकोप चरम पर है।
लखीमपुर: धौरहरा क्षेत्र में संचारी रोगों का प्रकोप चरम पर है। कोरोना के संकट से जूझते लोग अब डेंगू, वायरल और मलेरिया जैसी बीमारियों की मार से बेहाल हैं। स्वास्थ्य सेवाओं का जायजा लेने के लिए जागरण टीम सोमवार को सीएचसी रमियाबेहड़ और धौरहरा पहुंची। दोनों जगह स्थितियां चौंकाने वाली थीं। ओटी और लेबर रूम के सामने टहलते मिले कुत्ते
सुबह के साढ़े दस बजे थे। धौरहरा सीएचसी में मरीजों की भीड़ जमा थी। संविदा के डॉक्टर मौजूद थे लेकिन, अधीक्षक के कमरे में ताला था। लेबर रूम और ओटी के बाहर गंदगी यहां का हाल बता रही थी। यहीं एक आवारा कुत्ता टहलता दिखा। महिला शौचालय का हाल ऐसा कि दरवाजा खोलते ही उल्टी महसूस हुई। मरीजों में कई ऐसे थे जिन्हें कई दिन से बुखार था। यह वायरल, डेंगू अथवा मलेरिया के संदिग्ध मरीज थे। जांच करने के लिए यहां बनी लैब में ताला लटका था। एक सज्जन बेटी का पर्चा लिए भटक रहे थे। सीएचसी से ही उन्हें डेंगू की जांच लिखी गई थी लेकिन, सीएचसी में जांच नहीं हो रही थी। मरीज देखता मिला निजी लैब संचालक
साढ़े ग्यारह बजे का समय था। सीएचसी रमियाबेहड़ में लेबर रूम के बाहर कुछ महिलाएं बैठी थीं। पूछने पर पता चला कि रात में दो प्रसव हुए हैं। वह उन्हीं की परिवारीजन हैं। प्रसूता की डाइट के बारे में पूछने पर बताया कि सुबह चाय और पारले जी बिस्किट दिए गए हैं। लैब बंद था। टेक्नीशियन गायब थे। रेडियोलॉजिस्ट थे लेकिन, एक्सरे नहीं चल रहा। अधीक्षक नदारद थे। बुखार, खांसी, शरीर दर्द से परेशान मरीजों को यहां भी बस लाल पीली गोलियां देकर टरकाया जा रहा था। संचारी रोगों की जांच की कोई सुविधा नहीं थी। अधीक्षक के ऑफिस में एक युवक मरीज देख रहा था। पूछने पर पता चला कि वह डॉक्टर साहब के साथ रहता है। उसकी रमियाबेहड़ में एक प्राइवेट लैब है। जिम्मेदार की सुनिए
सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल ने कहा कि डॉ. सुभाष के पास रमियाबेहड़ और धौरहरा का चार्ज है लेकिन, अधीक्षक दोनों जगह नहीं मिले। सीएमओ ने कहा कि सीएचसी पर डेंगू व मलेरिया जांच की सुविधा और पर्याप्त दवाएं हैं। अगर लापरवाही हो रही है तो जांच करवाएंगे। एसडीएम सुनंदू सुधाकरन का कहना था कि शिकायतें मिली हैं। निरीक्षण कर वह डीएम को रिपोर्ट भेजेंगे।