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आधुनिक भारत के निर्माण में आधी आबादी को नकारा गया: डॉ. प्रीति

संगोष्ठी में केरल झारखंड मध्य प्रदेश दिल्ली हरियाणा पूर्वाचल विश्वविद्यालय शकुंतला मित्र राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय लखनऊ भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय लखनऊ के विद्वानों ने भी भागीदारी की।

By JagranEdited By: Published: Fri, 24 Jan 2020 10:22 PM (IST)Updated: Sat, 25 Jan 2020 06:08 AM (IST)
आधुनिक भारत के निर्माण में आधी आबादी को नकारा गया: डॉ. प्रीति
आधुनिक भारत के निर्माण में आधी आबादी को नकारा गया: डॉ. प्रीति

लखीमपुर: वाईडी कॉलेज के सभागार में डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय लखनऊ की डॉ. प्रीति चौधरी ने स्त्री विमर्श पर चर्चा करते हुए एक उत्पीड़ित, दमित वर्ग के रूप में उसकी व्याख्या की। जिसमें मुक्ति की कामना शामिल है। उन्होंने बताया कि आधुनिक भारत के निर्माण में आधी आबादी की भूमिका को हमेशा नकारा गया।आजादी के बाद भारतीय महिलाओं को राजनीतिक आजादी तो मिल गई, लेकिन सामाजिक एवं आर्थिक मुद्दे पर वह आज भी हाशिए पर ही है।युवराज दत्त स्नातकोत्तर महाविद्यालय में शिक्षा विभाग द्वारा अनुदानित एक दिवसीय अन्तरानुशासनीय राष्ट्रीय संगोष्ठी आधुनिक भारत के इतिहास निर्माण महिला की भूमिका विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

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हिदी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. एसके दुबे के संचालन मे उद्घाटन सत्र में मुख्य वक्ता लखनऊ विश्वविद्यालय के दर्शनशास्त्र विभाग के प्रो राकेश चंद्रा ने स्त्री विमर्श इतिहास के आइने में वैश्विक और एशियाई इतिहासकारों की लेखनी को समझने की सीख दी और बताया कि यूरोप और एशिया के समाजों में स्त्री विमर्श की प्रगति और जड़ता में एक विरोधाभास ²ष्टिगोचर होता है। संगोष्ठी में डॉ. अरूण कुमार सिंह, एसडीएम सदर ने जिनका नारीवादी चितन पर कार्य भी निरीश्वरवादी अस्तित्ववाद में मानवीय मूल्य विषय पर अपना उद्बोधन दिया। कार्यक्रम संचालन के अध्यक्षा भतपूर्व विभागाध्यक्ष इतिहास विभाग डॉ. मानिक लाल गुप्ता ने इतिहास के पृष्ठों से गायब महिलाओं की भूमिका को रेखांकित करने की बात की संगोष्ठी में केरल, झारखंड, मध्य प्रदेश , दिल्ली , हरियाणा , पूर्वाचल विश्वविद्यालय , शकुंतला मित्र राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय, लखनऊ, भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय, लखनऊ के विद्वानों ने भी भागीदारी की। सौ से अधिक शोध सारांश एवं शोध पत्रों पर विस्तृत रूप से उक्त विषय पर व्यापक चर्चा हुई। आयोजन समिति की सचिव डॉ. नूतन सिंह ने राष्ट्रीय संगोष्ठी के समापन सत्र का संचालन करते हुए विभिन्न सत्रों में प्रस्तुत शोध पत्रों की आख्या प्रस्तुत की। राष्ट्रीय संगोष्ठी के कार्यक्रम अध्यक्ष प्राचार्य डॉ. डीएन मालपानी ने उच्च शिक्षा विभाग का आभार व्यक्त करते हुए संगोष्ठी में आये अतिथि ,विद्वानों, शिक्षकों एवं शोधार्थियों को धन्यवाद ज्ञापित किया। इस मौके पर डॉ. डीके सिंह, डॉ. जेएन सिंह, डॉ. अजय आगा समेत सभी प्रवक्ता मौजूद रहे।


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